नैनीताल/ऊधमसिंहनगर के पूर्व विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी यानी SLAO प्रत्यूष सिंह का तबादला बीते 1 माह पूर्व देहरादून हो गया था जिसके बाद से एसएलएओ के पद पर अभी तक शासन ने किसी स्थाई एसएलएओ को नियुक्त नहीं किया है जिस कारण नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में बीते 1 माह से मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण का कार्य काफी प्रभावित हो रहा है….हालांकि जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने किच्छा के उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा को एसएलएओ का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है पर बावजूद इसके मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण का कार्य काफी प्रभावित हो रहा है…. दरअसल एसएलएओ यानी विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की नियुक्ति शासन करता है और स्थाई रूप से तैनात एसएलएओ ही भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्य के साथ-साथ मुआवजा वितरण का कार्य भी करते हैं, जबकि अस्थाई रूप से एसएलएओ के पद पर तैनात अधिकारी को मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण कार्य का अधिकार नहीं मिलता है।
इसलिए वर्तमान समय में एसएलएओ नैनीताल/ऊधमसिंहनगर का कार्यभार देख रहे एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा न ही अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा दे पा रहे हैं और ना ही अधिकृत जमीन के अवार्ड (प्रतिकर) का निर्धारण कर पा रहे हैं….एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा केवल एसएलएओ का ऑफिशियल कार्य ही निस्तारित कर पा रहे हैं… एसएलएओ नैनीताल/ऊधमसिंहनगर के पद पर स्थाई अधिकारी की तैनाती न होने के कारण लगभग 19 किलोमीटर लंबे सितारगंज-बरेली-पीलीभीत बायपास का काम भी काफी प्रभावित हो रहा है…प्रस्तावित बरेली-पीलीभीत बायपास सड़क निर्माण के लिए कुल 9 गाँवों का अवार्ड भी पारित हो चुका है पर स्थाई SLAO नियुक्त ना होने के कारण संबंधित क्षेत्र का प्रतिकर मुआवजा वितरित भी नहीं हो पा रहा है…. उधर लगभग 21 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर बाईपास का कार्य भी काफी प्रभावित हो रहा है….जिन 10 गांव से होकर मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर बायपास निकलेगा उन 10 गाँवों में से 7 गाँवों का अवार्ड पारित हो चुका हैं और 3 गांव का अवार्ड शेष हैं पर स्थाई SALO न होने के कारण यहां भी मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण संबंधित कार्य काफी प्रभावित हो रहा है।
अब बात करते हैं 21 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित रुद्रपुर बाईपास की… रुद्रपुर बाईपास के निर्माण से संबंधित कुल 7 गांव में से 4 गांव का अवार्ड पारित हो चुका है पर यहां भी SALO न होने के कारण मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण संबंधित कार्य काफी प्रभावित हो रहे है…हम आपको बता दें कि जब एनएचएआई सड़क निर्माण से संबंधित भूमि के काश्तकारों को भूमि अधिग्रहण का 80% मुआवजा,जो काश्तकारों में वितरित करना होता है राज्य सरकार को दे देती है तो उसके बाद ही संबंधित सड़क का निर्माण कार्य शुरू होता है पर SALO नैनीताल/ऊधमसिंहनगर के पद पर अस्थाई अधिकारी की नियुक्ति न होने के कारण जिले में प्रस्तावित तीन बाईपास सड़कों के निर्माण कार्य में लगातार विलंब हो रहा है….बहरहाल अब देखना यह होगा कि शासन कब तक SALO ऊधमसिंहनगर/नैनीताल के पद किस अधिकारी को तैनात करता है।