उत्तराखंड के हर दूसरे घर से भारतीय सेना में जवान होता है। जिस कारण यहां पर एक्स आर्मी मैनस की संख्या भी काफी ज्यादा है। अब उत्तराखंड के लगभग दो लाख पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के नजदीक मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश में लगभग दो लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों को अब उनके घरों के आस-पास ही फ्री स्वास्थ्य सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पहाड़ में जल्द ही मोबाइल ईसीएचएस की सुविधा शुरू की जा सकती है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड दिल्ली की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है।
इस सुविधा से रूकेगा पलायन
प्रदेश में मोबाइल ईसीएचएस की सुविधा शुरू होने से लोगों को घर के पास ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होगी। जिस से पहाड़ से पलायन को रोकने में मदद मिल सकती है।
प्रदेश में राजधानी दून समेत विभिन्न जिलों में ईसीएचएस केंद्र बने हैं। लेकिन कुछ केंद्र दूर-दराज क्षेत्रों में हैं। जिस कारण पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों इनसे स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए ये फैसला लिया गया है। इस मसले को नई दिल्ली में हुई बैठक में सैनिक कल्याण विभाग की ओर से उठाया गया था।
जल्द मिलेगा मोबाइल ECHS सुविधा का लाभ
सैनिक कल्याण विभाग की ओर से इस बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है। जिसकी भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों से अलग है। ऐसे में ईसीएचएस के लिए मानक एक समान होने से पहाड़ पर रहने वालों लोगों को ईसीएचएस का लाभ लेने में दिक्कतें होती हैं।
बैठक के खत्म होने के बाद कहा गया कि केंद्रीय सैनिक बोर्ड की ओर से कार्यवृत्त जारी किया गया है। इसके साथ ही बताया गया कि उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों को बेहतर और आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल ईसीएचएस को शुरू किया जाएगा।