केदारनाथ से बड़ी खबर आ रही है। केदारनाथ में अव्यवस्थाओं से नाराज लोगों ने कपाट खुलने के मौके पर बंद का ऐलान कर दिया है। केदारनाथ के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के मौके पर स्थानीय संगठनों ने अनिश्तिकाल बंद का ऐलान कर दिया है। स्थानीय संगठन अधिकारियों के रवैए से खासे नाराज हैं।
दरअसल उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत धामों में कई अव्यवस्थाओं को लेकर नाराज है। महापंचायत ने पंजीकरण की व्यवस्था दुरुस्त न होने से नाराजगी जताई है। महापंचायत ने कहा है कि धामों में ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। ऑनलाइन पंजीकरण हो नहीं पा रहें हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा निरस्त कर दी है। महापंचायत ने रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन के रवैए पर भी नाराजगी जताई है। महापंचायत ने कहा है कि अधिकारियों को पैदल मार्ग की व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए तो वो खुद हेलीसेवा के जरिए धाम में पहुंच रहें हैं। वहीं स्थानीय लोगों के लिए भी हेलीसेवा में पंजीकरण अनिवार्य करने पर भी नाराजगी जताई है।
अधिकारियों के रवैए से नाराज तीर्थ पुरोहित
महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार चार धाम यात्रा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की आला अधिकारी हवाई मार्ग से केदारपुर पहुंचे। बेहतर होता कि गौरीकुंड से केदारनाथ के पैदल यात्रा मार्ग से पैदल जाते । उन्हें तीर्थ यात्रियों को हो रही असुविधा और जमीन पर यात्रा तैयरियो का भी पता चलता। बृजेश सती ने कहा है कि कुंड से गुप्तकाशी और गुप्तकाशी से सोनप्रयागके बीच में सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। केदारनाथ धाम में यात्रा से कुछ दिन पूर्व जिस तरह से जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग ने एक तरफा कार्रवाई की है, वह तीर्थ पुरोहितों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का एक कुचक्र है ।महापंचायत के महासचिव ने कहा कि यात्रा को लेकर देहरादून के एयर कंडीशन कमरों में बैठक की जाती है। जबकि धरातल पर चार धाम व्यवस्था चौपट है। कहा कि शासन में बैठे उच्च अधिकारी फोन उठाने को तैयार नहीं है।
अनिश्चितकालीन बंद का कर दिया ऐलान
केदार सभा, केदारनाथ और अन्य संगठनों ने कल केदार घाटी बंद के आह्लान का उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने समर्थन किया है । महापंचायत में स्पष्ट किया है कि तीर्थ पुरोहितों के साथ जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग द्वारा की गई एक तरफा कार्यवाही में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक केदारनाथ में सभी व्यापारिक एवं अन्य प्रतिष्ठान अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगे।