उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा नोटा का बटन दबाने वाले लोगों में अल्मोड़ा —पिथौरागढ़ सीट के मतदाताओं ने बाजी मारी है। इस सीट पर 16697 लोगों ने नोटा बटन दबाया। राज्य में नोटा का बटन दबाने के मामले में पौड़ी लोकसभा क्षेत्र के मतदाता रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर 11224 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। तीसरे स्थान पर नैनीताल सीट रही है। यहां नोटा का बटन दबाने वाले 9969 लोग रहे। देश की बात करें तो इंदौर लोकसभा सीट पर दो लाख 18 हजार 674 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।
अल्मोड़ा सीट पर ईवीएम पर नोटा समेत आठ प्रत्याशी थे, सूबे की सबसे ज्यादा साक्षर लोगों की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा भी इसी सीट के अंतगरत आती है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी व निवर्तमान सांसद अजय टम्टा भाजपा के प्रत्याशी थे। उन्होंने 417535 वोट हासिल किए और कांग्रेस के प्रत्याशी तथा पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टमटा को दो लाख 25 हजार 893 वोटा से मात दी। प्रदीप को 1लाख 91 हजार 642 वोट मिले। यहां तीसरे स्थान पर नोटा रही। नोटा को इस सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा 16 हजार 697 लोगों ने वोट दे डाला।
पौड़ी सीट पर नोटा समेत 14 प्रत्याशी थे। 13 प्रत्याशियों को तो अपना चुनाव प्रचार करने का मौका मिला लेकिन नोटा का प्रचार करने वाला कोई भी नहीं था। इसके बावजूद यहां भी नोटा का बटन दबाने वालों की तादाद अच्छी खासी थी। पौड़ी सीट से भाजपा के अनिल बलूनी ने जीत हासिल की। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक उन्हें विजेता घोषित नहीं किया है। लेकिन आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। अनिल बलूनी को 4 लाख 18 हजार 531 वोट मिले।
कांग्रेस के गणेश गोदियाल यहां दूसरे स्थान पर रहे उन्हें दो लाख 62 हजार 692 वोट मिले। यहां पर तीसरे स्थान पर नोटा रहा। इस सीट पर 11224 लेागों ने नोटा का बटन दबाया।
नोटा दबाने के मामले में तीसरे स्थान पर रहे नैनीताल—उधमसिंह नगर सीट के मतदाता। हालांकि इस सीट पर निवर्तमान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट न जीत दर्ज की है। नैनीताल—उधमसिंह नगर सीट पर 10 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और ईवीएम पर 11 वां बटन नोटा के लिए लगाया गया था। अजय भट्ट को 7 लाख 72हजार 671मिले। दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश जोशी ने 4 लाख 38 हजार 123 वोट मिले और तीसरे स्थान पर रहे बसपा के अख्तर अली। उन्हें 23455 वोट मिले। इन सबसे इतर बिना किसी प्रचार व प्रसार के इस सीट पर 10425 वोट मिले। दस तरह यहां पर नोटा चौथ स्थान पर रहा।
टिहरी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने के मिला। बेरोजगार आंदोलन का प्रदेश भर में नेतृत्व करने वाले बॉबी पंवार ने यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच के मुकाबले को तिकोना बना दिया। इस सीट पर 11 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। 12 वां बटन नोटा का था। यहां से रानी राज्यलक्ष्मी शाह ने चार लाख 55 हजार 949 मतों के साथ जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग ने उनकी जीत का भी अभी तक ऐलान नहीं किया है। कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला यहां 1 लाख 87 हजार 602 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहें। निर्दलीय बॉबी पंवार यहां से एक लाख 62 हजार 469 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इतने प्रत्याशियों के बीच नोटा के कम बटने दबने की उम्मीदों के बीच नतीजों ने चौंका दिया। 9969 वोटों के साथ राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के नवनीत सिंह गुसाईं ने यहां चौथा स्थान हासिल किया और यहां नोटा को पांचवा स्थान मिला। यहां पर 7304 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।
हरिद्वार सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। यहां नोटा के अलावा 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी व पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत 6लाख 53 हजार 808 वोटों के साथ चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत रहे। उन्हें 4 लाख 89हजार 752 वोट मिले। यहां पर तीसरे स्थान पर निर्दलीय चुनाव लड़े विधायक उमेश कुमार रहे। उन्हें कुल जमा 91 हजार 188 वोट मिले। जबकि नोटा यहां पर चौथे स्थान पर रहा। इस सीट पर नोटा का बटन दबाने वालों की संख्या 6826 रही।