उत्तराखंड से एक बड़ी खबर है। UKSSSC भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है।
जी हां 2016 में VPDO भर्ती घोटाला हुआ था और इस पर धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। पहली बार भर्ती घोटालों में जांच की आंच आयोग के अधिकारियों तक पहुंची है। एसटीएफ ने आज इस मामले में UKSSSC के पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर कन्याल, व पूर्व मे परीक्षा नियंत्रक रहे आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया है।
आरबीएस रावत इससे पहले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के मुख्य सलाहकार भी रह चुके हैं। वो चमोली जनपद के मूल निवासी हैं। उन्हें हरीश रावत सरकार में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पहला चेयरमैन बनाया था। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये VPDO भर्ती घोटाला क्या था।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। 30 मार्च 2016 को इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। इस परीक्षा में ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी। इसके बाद 2019 में इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।
इसके बाद इस परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि हुई थी। आखिरकार विजिलेंस की ओर से इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। पुष्कर सिंह धामी ने जैसे ही उत्तराखंड के सीएम की कमान संभाली तो इसी साल अगस्त महीने में इसकी जांच एसटीएफ को ट्रांसफर की गई थी।
एसटीएफ ने विजिलेंस की रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि इस परीक्षा से संबंधित OMR स्कैनिंग और फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। 24 से ज्यादा अभ्यर्थियों के बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए हैं। पूर्व में तीन अभियुक्त मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार और राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।