भाजपा का 15 साल पुराना किला ध्वस्त, दिल्ली MCD चुनाव में AAP को बहुमत
नई दिल्ली| AAP ने दिल्ली नगर निगम (MCD) भाजपा से छीन लिया है। भाजपा 15 सालों से सत्ता में थी। चुनाव आयोग के मुताबिक, 250 सीटों में से AAP ने 132 सीटें जीत ली हैं। 2 पर आगे चल रही है। वहीं, BJP दूसरे नंबर पर चली गई है। पार्टी ने 102 सीटों पर विजय दर्ज की। 2 पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, कांग्रेस को 9 सीटों पर विजय मिली है। एमसीडी में बहुमत के लिए 126 सीटें चाहिए थी। बता दें कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा था, लेकिन इस बार दिल्ली MCD पर AAP ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है।
पहले देखते हैं, किसे कितनी सीटें मिलीं
लीड दल जीत
2 आम आदमी पार्टी 132
2 भाजपा 102
2 कांग्रेस 9
0 निर्दलीय 3
केजरीवाल के मंत्रियों के इलाकों में AAP का सूपड़ा साफ
मनीष सिसोदिया के विधानसभा में 4 सीटें हैं। भाजपा ने 3 पर जीत दर्ज की। पार्टी के खाते में एक ही सीट गई। उधर, जेल में बंद सत्येंद्र जैन के विधानसभा में 3 वार्ड है। पार्टी तीनों पर भाजपा से हार गई। उधर, अरविंद केजरीवाल के वार्ड नंबर 74 चांदनी चौक से पार्टी के उम्मीदवार पुनर्दीप सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया। उधर, आप विधायक अनानतुल्ला के वार्ड नंबर 189 जाकिर नगर से कांग्रेस विजयी हुई।
मैदान में उतरे 1,349 उम्मीदवार
MCD चुनाव 2022 के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। JDU ने 23 सीटों पर, तो AIMIM ने 15 सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी रहे।
MCD क्या काम करती है?
जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।
MCD के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
MCD का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
MCD श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।
दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।