टनकपुर व बनबसा क्षेत्र की बिजली 23 घंटे गुल रही। इसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग पंखे की हवा के साथ साथ पानी को तरस गए। भीषण गर्मी में लोगों ने रात भी अंधेरे में गुजारी। बिजली आधारित कारोबार भी प्रभावित रहे। अस्पतालों में मरीज, तीमारदार और कर्मचारी परेशान रहे। पंखे, कूलर नहीं चलने से आम लोगों के अलावा दफ्तरों में भी अधिकारियों, कर्मचारियों को मुसीबत झेलनी पड़ी। सोमवार की दोपहर करीब साढ़े चार बजे आए हल्के अंधड़ में टनकपुर और बनबसा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। बताया गया था कि अंधड़ के कारण लोहियाहेड पावर हाउस से बिजली आपूर्ति बंद की गई है। लोग देर रात तक बिजली का इंतजार करते रहे, लेकिन बिजली पूरी रात नहीं आई। हल्के अंधड़ में गुल हुई बिजली मंगलवार को 23 घंटे बाद सुचारू हो पाई। खटीमा क्षेत्र में बिजली गिरने से 33 केवी लाइन के दर्जनों इंसुलेटर फुंक गए। बिजली नहीं होने से लोगों को पूरी रात गर्मी सहते हुए अंधकार में बितानी पड़ी। लोगों को दिन में 36 डिग्री तापमान की गर्मी झेलने को मजबूर होना पड़ा। पेयजल आपूर्ति ठप रहने से लोग पानी की समस्या से भी जूझने को मजबूर हुए। पानी के लिए हैंडपंप पर मारामारी मची रही।
बिजली विभाग के जेई परमिंदर सिंह ने बताया कि खटीमा क्षेत्र में बिजली गिरने से 33 केवी लाइन के खंभों में लगे दर्जन इंसुलेटर पंचर हो गए थे। इस कारण आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि लोहियाहेड से बनबसा के बीच करीब 28 इंसुलेटर बदलने के बाद आपूर्ति सुचारु हो पाई है। यूपीसीएल के एसडीओ विकास भारती ने बताया है कि बिजली गिरने से 33 केवीए की बिजली लाइनों के इंसुलेटर फटने से क्षेत्र में बिजली सप्लाई ठप रही। लोहियाहेड से धनुष पुल तक आठ और धनुष पुल से बनबसा रामबाग तक 38 इंसुलेटर फुंके