16 साल से ‘गायब’ दिल्ली के परिवार की तलाश में हरिद्वार पहुंची CBI,अब फिर खुली………

खबर शेयर करें -

हरिद्वार: 16 साल से लापता दिल्ली के परिवार की तलाश के लिए सीबीआइ की टीम हरिद्वार पहुंची। टीम ने हरिद्वार में काम कर रहे समाचार पत्रों के अपराध संवाददाताओं समेत अन्य लोगों से घटना के बारे में जानकारी जुटाई।

जानकारी के मुताबिक 16 साल पहले जून 2008 में सेक्टर-16 रोहिणी दिल्ली निवासी राकेश पाहुजा (45) पत्नी वीना पाहुजा (36), बेटी प्रीति (15), बेटे पारस (11) और भतीजी प्रियंका भसीन (17) के साथ हरिद्वार के लिए निकले थे। हरिद्वार पहुंचने तक पाहुजा परिवार अपने सभी शुभचिंतकों के संपर्क में था। पर, हरिद्वार पहुंचने के बाद अचानक लापता हो गया। सभी के मोबाइल फोन भी स्विच आफ हो गए।

यह भी पढ़ें -  महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती आज, सीएस रतूड़ी ने दी श्रद्धांजलि

काफी चर्चाओं में रहा था मामला
स्वजन तलाश में हरिद्वार पहुंचे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। पूरे परिवार के एक साथ अचानक गायब हो जाने को लेकर यह काफी चर्चाओं में रहा। लापता पाहुजा परिवार के गंगा स्नान के दौरान डूबने की आशंका को लेकर गंगनहर का पानी कम कराकर नहर और गोताखोरों की मदद से नदी में उनकी तलाश की गई।

हैरानी की बात यह कि परिवार के साथ ही उनकी कार भी गायब हो गई, जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चला। इस मामले में उनके स्वजन ने हरिद्वार कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

यह भी पढ़ें -  ऐतिहासिक रामलीला में पहुंचे बॉलीवुड स्टार शक्ति कपूर, अपने अंदाज से बांधा समा

पुलिस जांच में पता चला था कि राकेश पाहुजा और उनके साथ आए परिवार के अन्य सदस्यों के मोबाइल फोन 25 जून से ही स्विच आफ हो गए थे। पर, फोन की लोकेशन के बारे में कोई विशेष जानकारी हासिल नहीं होने की वजह से जांच आगे नहीं बढ़ सकी।

तमाम माथापच्ची के बाद भी पाहुजा परिवार की जानकारी न मिलने पर हरिद्वार पुलिस ने जांच बंद कर दी। शनिवार को सीबीआइ दिल्ली के डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में हरिद्वार पहुंची टीम ने नए सिरे से मामले की जांच शुरू की। टीम ने समाचार पत्रों के कार्यालयों से लेकर कई स्थानीय नागरिकों से मुलाकात कर घटनाक्रम के संबंध में जानकारी जुटाई।

यह भी पढ़ें -  एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने संभाली कमान, महिला सुरक्षा और नशे के विरुद्ध सख्त कदम उठाने पर दिया जोर

गुमशुदगी रजिस्टर कर दिया गया नष्ट
इस मामले में हरिद्वार शहर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि सीबीआइ टीम ने इस मामले को लेकर या कोतवाली पुलिस से अभी तक कोई संपर्क नहीं किया है। बताया कि घटना के वक्त गुमशदगी रजिस्टर होता था, तब केवल जीडी में गुमशुदगी के संबंध में जानकारी दर्ज की जाती थी। वर्ष 2016 में गुमशुगदी रजिस्टर नष्ट कर दिए गए हैं

Advertisement

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999