यहां होटलों, निजी गेस्ट हाउसों आदि पर हो रही चैकिंग, चलाया जा रहा ये अभियान

खबर शेयर करें -

अंकिता हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार द्वारा अतिक्रमण, सुरक्षा मानकों, बिना पंजीयन संचालित हो रहे होटलों, निजी गेस्ट हाउसों, रिसॉर्ट में सुरक्षा मानकों, कर्मियों का पंजीकरण, बिना पंजीकरण अवैध रूप से अतिक्रमण कर बनाए गए होटलों और रिसार्ट में कार्रवाई के लिए अभियान चलाया गया है।


जिलाधिकारी के निर्देश पर होटलों में प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया। तहसील प्रशासन, पर्यटन विभाग ,पुलिस विभाग एवं फायर सर्विस की संयुक्त टीम ने तहसील रोड के होटलों में चैकिंग अभियान चलाया। निरीक्षण में नगर में स्थित होटलों में बने कमरों,सुरक्षा मानकों, अतिक्रमण की स्थिति सहित अन्य बिंदुओं पर चेकिंग अभियान चलाया। तहसील रोड में बने होटलों में चेकिंग अभियान के दौरान होटलों में अतिक्रमण,पर्यटको की सुरक्षा के उपाय, पार्किंग,अग्निशमन उपकरणों सहित होटलों के पंजीकरण, पर्यटकों के ठहरने के पंजीकरण की जांच की।

यह भी पढ़ें -  पंजाब से देहरादून आते ही 'हरदा' ने दिया बड़ा संकेत

उपजिलाधिकारी हरगिरि के नेतृत्व में चले अभियान में संयुक्त टीम द्वारा होटलों में टैरिफ कार्ड ,अग्निशमन उपकरणों ,होटल कर्मियों का सत्यापन, पर्यटको का सुचारू सत्यापन, होटल में सुरक्षा हेतु सीसी टीवी कैमरा, कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था की जांच की। उपजिलाधिकारी ने बताया कि होटलों में सुरक्षा और अतिक्रमण को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है।अभियान में यदि कोई होटल बिना पंजीकरण, सुरक्षा मानकों की अनदेखी,और सरकारी भूमि पर काबिज, अतिक्रमण व मनमानी करते हुए पाए जाने पर उसके खिलाफ जांच कर चिन्हीकरण कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लगातार अभियान जारी है।

यह भी पढ़ें -  शिखर ग्रुप के चेयरमैन जोशी का देहरादून में सम्मान, राज्यपाल ने राज्य की 15 और विभूतियों को सम्मानित किया


इस दौरान अभियान में जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति आर्य, पुलिस अधीक्षक शिवराज सिंह राणा, तहसीलदार दीपिका आर्य, कोतवाल कैलाश नेगी,फायर सर्विस इन्चार्ज दिनेश चन्द्र पाठक आदि मौजूद रहे।

बड़ी कार्रवाई के डर से हडकंप

वहीं सरकार के आदेश के बाद रसूखदारों को अतिक्रमण और अन्य मुद्ददो पर बड़ी कारवाही का डर सताने लगा है। वही प्रदेश में अतिक्रमण को लेकर सरकारी फाइलों में दबी जांचे भी बाहर निकलने की संभावना है।
ऐसे में यदि अभियान लंबा चला तो प्रदेश में कई रसूखदारों के लिए अतिक्रमण कर बनाए गए आशियाने पर अतिक्रमण का डंडा चलने का डर सताने लगा है।वही कई समाजसेवी भी इस कदम में टकटकी प्रशासन की कार्रवाई पर नजर लगाए बैठे है।और अभियान बन्द होते ही सूचना अधिकार से मामले के पर्दाफाश की तैयारियों में जुट गए है। ऐसे में प्रदेश सरकार के इस फरमान का कितना असर अतिक्रमण रोकने पर असरदार होगा ये देखने वाली बात होगी।

Advertisement