देश के पहले सीडीएस को चीन ने दी श्रद्धांजलि, विदेशी मीडिया का आया ये रिएक्शन

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भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत इस दुनिया को अलविदा कह गए. पति-पत्नी दोनों की विमान हादसे में मौत हो गई। बिपिन रावत की मौत से देश ही नहीं दुनिया भर में शोक की लहर है। आज बिपिन रावत को पूरा देश ही नहीं बल्कि दुनिया के दिग्गज श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। भूटान से लेकर नेपाल और चीन से लेकर बाग्लादेश हर कोई अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।


इतना ही नहीं दुनियाभर के मीडिया ने भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत के अकस्मात निधन पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रमुखता से कवरेज की. चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने बिपिर रावत के निधन पर गहरा दुख जाहिर करते हुए कहा कि मेरी संवेदनाएं जनरल रावत के परिवार के सभी सदस्यों के साथ हैं।


इजराइल के प्रधानमंत्री ने कही ये बात
वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट ने CDS की मौत पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि जनरल रावत भारत के सच्चे दोस्त थे। इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इजराइल के लोग भारत के इस दुख में शामिल हैं। भूटान के राष्ट्रध्यक्ष लोटे शेरिंग और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भी जनरल रावत की मौत पर गहरा दुख जाहिर किया है।

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पाकिस्तानी अखबार डॉन ने किया- कश्मीर और चीन का जिक्र
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने जनरल रावत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त बताते हुए लिखा कि दो वरिष्ठ जनरलों पर तरजीह देकर उन्हें भारतीय सेना का प्रमुख बनाया गया। जनरल रावत ने कश्मीर और चीन सीमा पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर इडियन आर्मी का नेतृत्व किया। जनरल की तारीफ करते हुए अखबार ने लिखा- रावत को भारत की पूर्वोत्तर सीमाओं पर विद्रोह को नियंत्रित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने पड़ोसी देश म्यांमार में अलगाववादियों के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन का नेतृत्व भी किया।


हांगकांग के प्रमुख अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कही ये बात
हांगकांग के प्रमुख अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा है कि भारत अपने टॉप जनरल बिपिन रावत की मौत का गम मना रहा है। उनके जाने का इडियन आर्मी पर क्या असर होगा? देश के टॉप जनरल को खुद प्रधानमंत्री ने चुना था और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया था। हेलिकॉप्टर हादसे मे उनकी मौत ऐसे मुश्किल समय हुई है जब भारत चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। रावत की मौत को भारतीय सेना के लिए झटका बताते हुए अखबार ने कहा कि इस हादसे से मोदी सरकार को भी गहरा झटका लगा है। सरकार और रावत के बीच भरोसे का रिश्ता था। भारत ने 2017 में डोकलाम में और बीते साल लद्दाख में चीन को जैसी प्रतिक्रिया दी उनकी मौत के बाद चीन की किसी हरकत पर भारत ऐसा जवाब देने के लिए कमजोर स्थिति में होगा

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प्रेरित करने वाले सैन्य कमांडर थे जनरल रावतः BBC
ब्रिटेन के मीडिया संस्थान BBC ने जनरल रावत को प्रेरित करने वाला सैन्य कमांडर बताते हुए लिखा है कि 63 साल के जनरल रावत की छवि एक सख्त सैनिक और प्रेरक सैन्य कमांडर की थी। BBC लिखता है कि कई बार उन्होंने ऐसी टिप्पणियां भी कि जिन पर राजनीतिक विवाद भी हुए। BBC ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका के कंसास में मौजूद आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज में हुई उनकी ट्रेनिंग का भी जिक्र किया है। BBC की रिपोर्ट कहती है, “1980 के दशक में रावत ने आर्मी में कर्नल की हैसियत से अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर टकराव की स्थिति में अपनी बटालियन का नेतृत्व किया।” जनरल रावत ने साल 2015 में म्यांमार के भीतर इंडियन आर्मी के पैराट्रूपर भेजे थे और अलगाववादियों के खिलाफ अभियान चलाया था। ये विदेशी जमीन पर भारतीय सैनिकों का पहला अभियान था।

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न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा-भारत की मुश्किल घड़ी में चले गए रावत
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए जनरल रावत ने बदलाव के लिए संघर्ष कर रहे इंडियन आर्मी का कायापलट किया था। अखबार लिखता है, “इंडियन आर्मी की अलग-अलग ब्रान्च के बीच कोआर्डिनेशन के जिम्मेदार भारत के CDS जनरल रावत की मौत ऐसे मुश्किल समय में हुई है जब भारत की सेना दो सीमाओं पर खतरों का सामना कर रही है और देश की सुस्त होती अर्थव्यवस्था का असर भी झेल रही है।” अखबार लिखता है कि भारत के प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के साथ टकराव और तनाव के मद्देनजर करीब 10 हजार भारतीय सैनिक हिमालय की ऊंची चोटियों पर तैनात हैं। ये दूसरी सर्दियां है जब भारत के सैनिक इतनी बड़ी संख्या में यहां तैनात किए गए हैं।

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