
उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों की हड़ताल और कई संगठनों के आंदोलन की तैयारी के बीच धामी सरकार ने प्रदेश में छह माह के लिए एस्मा लागू कर कर्मचारियों के आंदोलन पर प्रतिबंध लगा दिया है। दूसरी ओर, विभागों से गैरहाजिर चल रहे उपनलकर्मियों के लिए शासन ने उपनल के एमडी को नो वर्क-नो पे का आदेश दिया है।
उपनल कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध के बाद कांग्रेस का विरोध तेज
सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उपनलकर्मियों के खिलाफ जो दंडनात्मक कदम सरकार ने उठाया है वो निंदनीय है। ये निर्णय कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा कि जिनकी मांग को मानना राज्य के रूप में हमारा नैतिक कर्तव्य है उनके ऊपर आप नो वर्क नो पे के सिद्धांत को लागू कर रहे हैं।
हरदा ने सीएम धामी से किया निर्णय वापस लेने का आग्रह
हरीश रावत ने कहा मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है कि इस पर विचार करें और इस निर्णय को फौरन वापस लें। हड़ताल पर जो रोक लगी है वो अलोकतांत्रिक है, क्योंकि राज्य में कहीं ऐसी स्थिति नहीं है कि कर्मचारियों पर ये पाबंदी लगाई जाए। हरदा ने कहा कर्मचारियों के अधिकार पर यदि हमला हुआ तो कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।


