उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों और दो विधानसभा सीटों उप चुनाव के बाद राजनीतिक पार्टियों में मंथन का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी में भी लोकसभा चुनाव में हार के बाद कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ हार के कारणों पर चर्चा की जाएगी।
उत्तराखंड में 2014 से कांग्रेस पार्टी लगातार लोकसभा पांचों सीट हारती आ रही है। बीजेपी ने इस बार भी भारी बहुमत के साथ उत्तराखंड की पांचों सीट पर विजय हासिल की। तमाम कोशिशों के बावजूद भी इस बार कांग्रेस पार्टी के हाथ खाली ही रहे। लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पार्टी में हार के कारणों को लेकर मंथन होने जा रहा है।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का किया गया गठन
कांग्रेस आला कमान द्वारा उत्तराखंड में हार के कारणों पर चर्चा के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद पीएल पूनिया और सांसद रजनी पाटिल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंच रहे हैं।
18 जुलाई से 20 जुलाई तक इस कमेटी के सदस्य लोकसभा वार प्रदेश अध्यक्ष, लोकसभा प्रत्याशी, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और विभिन्न कमेटी के पदाधिकारियों से साथ बैठक करेंगे। हार के कारणों पर चर्चा के बाद यह कमेटी अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेगी।
अगली रणनीति के लिए महत्वपूर्ण ये बैठक
हाल ही में हुए दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के बाद उत्तराखंड में निकाय और पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। इसलिए ये बैठक हार के साथ अगली रणनीति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस की इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चौहान ने कहा कि इस बैठक से कांग्रेस को कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उत्तराखंड की जनता पहले भी बीजेपी के साथ थी और आगे भी बीजेपी के साथ ही रहेगी।