कोरोना महामारी की तीसरी लहर में डरावना ट्रेड दिखने लगा है। देश मे रोजाना 1 लाख से ज्यादा केस दर्ज हो रहे है। बुजुर्गों का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में वे ही ज्यादा खतरे में है। इसी को देखते हुए देश मे आज यानी 10 जनवरी से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो को प्रिकॉशन (बूस्टर)डोज लगना शुरू हो रहा हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 11 करोड़ बुजुर्ग है। बुजुर्गों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थकेयर वर्कर को भी यह तीसरा डोज दिया जाएगा। चुनाव में ड्यूटी लगने वाले लोगो को भी फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है। इन्हें मिलाकर देश मे करीब 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर ओर हेल्थकेयर वर्कर है। इन सभी को प्रिकॉशन डोज लगवाने की पात्रता है।
तीन शर्ते रखी गई है बुजुर्गों को तीसरी डोज देने की
1- वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी हो।
2- दूसरा डोज कम से कम 9 महीने (37 सप्ताह या 273 दिन) पहले लिया हो।
3- सिर्फ कोमाब्रिडिटी (कई बीमारियों से ग्रसित ) वाले बुज़ुर्ग ही डोज ले सकेंगे।
प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए सर्टिफिकेट नही, डॉक्टर की सलाह लगेगी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोमाब्रिडिटी वाले 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग को प्रिकॉशन डोज के लिए डॉक्टर से सर्टिफिकेट की जरूरत नही है। हालांकि, ऐसे लोग को प्रिकॉशन डोज लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया हैं।
बाकी वैक्सीन की तरह प्रिकॉशन डोज भी मुफ्त होगा
सरकार के मुताबिक प्रिकॉशन डोज सरकारी वैक्सीन केंद्रों में मुफ्त होगा। हालांकि, प्राइवेट हॉस्पिटलों के वैक्सीन केंद्रों पर इसके लिए पैसे देने पड़ेंगे। हालांकि सरकार ने लोगो से आग्रह किया है कि जो लोग सक्षम है, वे प्राइवेट अस्पतालों के वैक्सीन केंद्रों में भुगतान करके तीसरा डोज लगवाए।