शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद होंगे भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बद्रीनाथ में इस बार चारधाम यात्रा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 14 नवंबर तक 46 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम एवं हेमकुंड साहिब-लोकपाल के दर्शनों के लिए पहुंच चुके हैं। बद्रीनाथ में भगवान बद्रीविशाल के कपाट 19 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 35 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने से पूर्व होने वाली पंच पूजा मंगलवार से शुरू हो गई।

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अभी सिर्फ बद्रीनाथ धाम के कपाट ही खुले हैं। यहां तीर्थयात्री लगातार पहुंच रहे हैं। बद्रीनाथ धाम में 14 नवंबर को जोरदार बर्फबारी हुई है। बावजूद इसके देरशाम तक 4,311 यात्रियों ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किए। बद्रीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 8 मई को खोले गए थे। 8 मई से 14 नवंबर तक 17 लाख 38 हजार 872 श्रद्धालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि हर साल विजयादशमी पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की तिथि घोषित की जाती है।

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वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर 19 नवंबर को चमोली जिले में अवकाश रहेगा। सभी स्कूलों की छुट्टी रहेगी और सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। बद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में अभी तक 17 लाख 38 हजार 872 तीर्थयात्री बद्रीनाथ के दर्शन कर चुके हैं।

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धाम में पूजा-अर्चना के बाद पहले विधि-विधान से गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे। इसके बाद आदि केदारेश्वर और लक्ष्मी मंदिर के कपाट बंद होंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ में बद्रीनाथ की शीतकालीन पूजाएं होंगी।

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