प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की योग्यता जांची जाएगी
विभिन्न स्कूलों की शिकायतें मिलने पर सीईओ ने दिए आदेश
देहरादून– शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों में तैनात शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की शैक्षिक योग्यता जांचेगा। विभिन्न स्कूलों की शिकायतें मिलने के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश दे दिए हैं। यह जांच-पड़ताल एक सप्ताह के भीतर पूरी करनी होगी।
अपने आदेश में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि राजधानी के विभिन्न निजी स्कूलों में शिक्षक एनसीटीई के मानकों को पूरा नहीं करते। कई जगह एनटीटी या टीईटी पास किए बिना ही शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे, जो गलत है। नियमानुसार ऐसे शिक्षकों को एनसीटीई के मानकों को पूरा करना अनिवार्य है। इसके बाद ही वे बच्चों को पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। लेकिन, देखने में आया है कि कई स्कूलों में सिर्फ ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट पास शिक्षक बने हैं। लिहाजा, उन्होंने बीईओ को एक सप्ताह के भीतर सभी स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता जांचकर ब्योरा देने को कह दिया है। शिक्षकों की योग्यता के अलावा उनके बारे में सारी डिटेल भी एकत्रित करनी होगी। विभिन्न स्कूलों में शिक्षक-प्रिंसिपल की शैक्षिक योग्यता मानकों के अनुरूप नहीं होने की शिकायतें मिली हैं। यही कारण है कि शिक्षा विभाग को यह कदम उठाना पड़ा है। बता दें कि मान्यता के लिए भी शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता अनिवार्य है। जिन स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता मानकों से कम पाई जाती है तो उनकी मान्यता भी निरस्त की जा सकती है।
राजधानी में फंस सकते हैं कई स्कूलों के शिक्षक
शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि निजी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षक मानक पूरा किए बिना ही पढ़ा रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनके पास फर्जी या अमान्य डिग्रियां हो सकती हैं। जांच के दौरान शिक्षकों की डिग्रियों का सत्यापन करवाया जा सकता है। सरकारी शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कर रही एसआईटी को शुरुआत में कुछ निजी स्कूलों के शिक्षकों की भी शिकायत मिली थी। लेकिन, एसआईटी को केवल सरकारी शिक्षकों की जांच के आदेश थे, जिस कारण निजी शिक्षकों की जांच नहीं हो सकी, लेकिन इस बार यह जांच हो सकती है।