दिसंबर का वेतन न मिलने और सात कर्मचारियों को हटाने के विरोध में नगर निगम अनुबंधित कंपनी कर्मचारी संघ का कार्य बहिष्कार तीसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि, सभी कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी संबंधित कंपनी की ओर से हटाए गए सात कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया है। जिस पर संघ के पदाधिकारियों ने नगर निगम प्रशासक व नगर आयुक्त से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने की बात कही है। हालांकि, आज से कुछ कर्मचारी घर-घर कूड़ा उठान कार्य पर लौट सकते हैं।
नगर निगम की ओर से अनुबंधित वाटरग्रेस कंपनी के कूड़ा उठान वाहनों के चालकों व हेल्परों को दिसंबर का वेतन जारी नहीं किया गया था। नगर निगम की ओर से कंपनी को वेतन की धनराशि जारी न किए जाने पर करीब 200 चालकों व हेल्परों ने कार्य बहिष्कार कर दिया और धरने पर बैठ गए।
तीसरे दिन भी हड़ताल रही जारी
शुक्रवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखते हुए चालकों ने कूड़ा उठान कार्य ठप रखा। वहीं, नगर निगम की ओर से बीते गुरुवार को हेल्परों का वेतन जारी कर दिया गया था और शुक्रवार को चालकों को भी वेतन का भुगतान हो गया। कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि वेतन का भुगतान तो हो गया है, लेकिन हटाए गए सात कर्मचारियों को बहाल करने पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
बीते एक नवंबर को कंपनी की ओर से सात कर्मचारियों को हटा दिया गया था, जिनमें तीन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी हैं। सभी सातों कर्मचारियों को पुन: बहाल करने की मांग को लेकर संघ ने पूर्व में भी धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही पूर्व में महापौर और नगर आयुक्त को भी ज्ञापन दिया गया, जिस पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन मिला था।
इसके अलावा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और गणेश जोशी की ओर से कर्मचारियों को बहाल करने के निर्देश दिए गए, लेकिन कंपनी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब आज नगर निगम प्रशासक और नगर आयुक्त के साथ संघ के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता होगी, उसके बाद कार्यबहिष्कार वापस लेने का एलान किया जाएगा।