

देहरादून न्यूज़- उत्तराखंड में अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए केवल राशन कार्ड की अनिवार्यता नहीं होगी। राज्य सरकार जल्द ही परिवार रजिस्टर के आधार पर भी आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा देने जा रही है। यह फैसला उन हजारों निवासियों के लिए राहत लेकर आया है जिनके राशन कार्ड हाल ही में फर्जी पाए जाने पर निरस्त कर दिए गए थे।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर जल्द निर्णय लिए जाने की संभावना है। अब तक आयुष्मान कार्ड के लिए राशन कार्ड ही मुख्य दस्तावेज माना जाता था, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों ने पात्रता न होते हुए भी राशन कार्ड बनवाए। पूर्ति विभाग ने जांच के बाद कई ऐसे फर्जी कार्ड निरस्त कर दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी का राशन कार्ड निरस्त होता है, तो केवल पूर्ति विभाग या जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर ही आयुष्मान कार्ड निरस्त किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण स्वयं किसी तरह का निरस्तीकरण अभियान नहीं चला रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक पात्र नागरिक को आयुष्मान योजना का लाभ मिले। यदि किसी का राशन कार्ड नहीं है, तो अब वह परिवार रजिस्टर के आधार पर भी आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन कर सकेगा।”
यह निर्णय प्रदेश में आयुष्मान योजना को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।