देहरादून IMA में हुई पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना को 288 नए ऑफिसर में मिले हैँ। उत्तराखंड एक बार फिर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है और राज्य के कुल 33 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं। पासिंग आउट परेड कैडेट्स के लिए अभी नहीं भूलने वाला पल होता है। यहां से वह अपने नए जीवन की शुरुआत करेंगे जो चुनौतियों से भरा होता है। हर बार की तरह इस बार भी हल्द्वानी के युवा भी पासिंग आउट परेड का हिस्सा रहे और अब भारतीय सेना में ऑफिसर बनेंगे।
हल्द्वानी गोरापड़ाव ( हाथीखाल) के रहने वाले प्रेम प्रकाश चंदोला लेफ्टिनेंट (lieutenant PREM PRAKASH CHANDOLA) बने हैं और उनकी कामयाबी से शहर का नाम रौशन हुआ है। जब वह पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनेें, तब उनके साथ पूरा परिवार मौजूद था। प्रेम प्रकाश चंदोला को सेना में जाने के लिए पिता पूरन चंदोला से प्रेरणा मिली जो भारतीय सेना का हिस्सा रहे। पूरन चंदोला 3 कुमाऊं राइफल्स से रिटायर्ड हो चुके हैं। प्रेम प्रकाश चंदोला माता गीता चंदोला हाउस वाइफ हैं।
मूल रूप से विन्तोली, दफौट बागेश्वर के रहने वाले लेफ्टिनेंट प्रेम प्रकाश चंदोला (lieutenant PREM PRAKASH CHANDOLA HALDWANI) बचपन से मेधावी रहे। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा दफौट से ही हासिल की। इसके बाद साल 2013 में उन्होंने बागेश्वर के नेशनल मिशन हाई स्कूल से हाईस्कूल किया। हाईस्कूल में उन्होंने 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद वह हल्द्वानी आए और हरगोविंद सुयाल स्कूल में प्रवेश लिया।
साल 2015 इंटर के नतीजों में उन्हें 85 प्रतिशत अंक मिले। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने एबीपीजी हल्द्वानी में दाखिला लिया और बीएसएसी की। कहते हैं ना सेना में जाने का मतलब आप उसी से पूछिए जो तैयारी कर रहा है।
प्रेम प्रकाश चंदोला ने साल 2020 में सीडीएस परीक्षा पास की और अपने सपने को साकार करने के करीब पहुंच गए। आज वह सेना में ऑफिसर बन गए हैं और पूरा परिवार अपने बेटे की कामयाबी पर फक्र कर रहा है। बता दें कि प्रेम प्रकाश चंदोला के भाई ललित मोहन चंदोला बैंक ऑफ बडोदरा में सहायक प्रबंधक के पद पर हैं। प्रेम प्रकाश चंदोला अपनी कामयाबी का श्रेय अपने गुरु मनोज परगाई और परिजनों को दिया है।