राज्य के (DGP) अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने प्रदेश की यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारियों की एक समीक्षा बैठक ली।
DGP अशोक कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य ट्रैफिक को जाम से मुक्त कराना और सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है। यातायात प्रबन्धन में आपका आंकलन चालान के आंकड़ों से नहीं बल्कि आपके क्षेत्र में दुर्घटना कितनी कम हुई और कितना सुगम यातायात रहा इसके आधार पर होगा। अनावश्यक चालान न करें। सड़क दुर्घटना के मुख्य कारणों जैसे रैश/स्टंट ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करना, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीडिंग आदि पर फोकस करें, इन पर चालान करें।
DGP अशोक कुमार ने बैठक में निम्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श करते हुए निम्न निर्देश दिए-
सिटी पेट्रोल यूनिट में तैनात पुलिसकर्मी अपने व्यवहार में साकारात्मक परिवर्तन लायें। अनावश्यक रूप से आमजन को परेशान न किया जाये। दुर्व्यवहार करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया।
सभी जनपद प्रभारियों को अपने-अपने जनपदों में ट्रैफिक जाम के बोटल नेक और दुर्धटना सम्भावित क्षेत्रों को चिन्हित करने तथा सुगम यातायात हेतु कार्य योजना तैयार कर मुख्यालय को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया।
दुर्धटना सम्भावित क्षेत्रों में रोड साइनेंज बोर्ड और उक्त स्थल पर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाये।
4.. सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये।
नगर निगम, एमडीडीए, नगर पालिका आदि से समन्वय स्थापित कर नए पार्किंग स्थल विकसित करने का प्रयास करें। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक- ए पी अंशुमान, पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात- श्री मुख्तार मोहसिन, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्रीमती श्वेता चौबे सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।