

देहरादून: उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों ने अब रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार सुबह मातली से हर्षिल के लिए यूकाडा के चार हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी, जबकि चिनूक, एमआई-17 सहित आठ निजी हेलिकॉप्टर लगातार अभियान में जुटे हैं।
वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टरों से भारी मशीनरी—जैसे जेसीबी, एस्कवेटर, डोजर, टिप्पर व जनरेटर—को गुरुवार को हर्षिल पहुंचाया गया। अब तक हेलिकॉप्टरों की मदद से हर्षिल, नेलांग और मातली से कुल 657 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल, लेकिन पुल बना बाधा
भटवाड़ी के समीप 100 मीटर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त गंगोत्री नेशनल हाईवे को यातायात के लिए अस्थायी रूप से खोल दिया गया है, परन्तु इससे करीब 15 किलोमीटर आगे एक पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। इसके चलते हवाई सेवा अभी भी राहत कार्यों का प्रमुख जरिया बनी हुई है।
प्रभावितों को भोजन और मदद
हर्षिल में फंसे लोगों के लिए 2500 खाने के पैकेट भेजे गए हैं। अब तक हवाई मार्ग से विभिन्न रूटों पर निकाले गए लोगों की संख्या इस प्रकार है:
गंगोत्री से हर्षिल: 274
गंगोत्री से नेलांग: 19
हर्षिल से मातली: 252
हर्षिल से जौलीग्रांट एयरपोर्ट: 112
इनमें उत्तराखंड के साथ-साथ गुजरात (131), महाराष्ट्र (123), मध्य प्रदेश (21), उत्तर प्रदेश (12), राजस्थान (6), दिल्ली (7), असम (5), कर्नाटक (5), तेलंगाना (3) और पंजाब (1) के लोग शामिल हैं।
राहत कार्यों में जुटी सेनाएं
आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना की राजपूताना राइफल्स, घातक टीम, एसएफ आर्मी सहित सभी सुरक्षा एजेंसियां लगातार धराली क्षेत्र में लापता लोगों की खोज और राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री की ग्राउंड जीरो पर मौजूदगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरे दिन भी धराली और सैंजी क्षेत्र में ग्राउंड जीरो पर डटे रहे। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। सीएम धामी ने कहा, “जब तक अंतिम व्यक्ति को भी सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता, तब तक बचाव कार्य जारी रहेगा।” उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से लगातार अपडेट लेकर राहत कार्यों की निगरानी भी की