जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत किये जा रहे कार्यो के संबंध में जिलाधिकारी विनीत कुमार द्वारा विकास भवन सभागार में संबंधित सभी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यो की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दियें कि जल जीवन मिशन योजना भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एक महत्वाकांशी योजना है योजनान्तर्गत जनपदवासियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को कडे निर्देश दियें कि इस योजना में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाय, तथा योजना में शीघ्र गति से कार्य किया जाय।
उन्होने सचेत करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर यदि कार्यो में प्रगति नहीं लायी जाती है तो संबंधित अधिकारियो के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। उन्होने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि शामा, बैडामझेडा, ग्वाड, लेटी के योजनाओं के डीपीआर अनिवार्य रूप से 20 दिसम्बर, 2021 तक प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। जिलाधिकारी ने निर्देश दियें कि उनके अधीन जो भी कार्य किये जा रहे है, उन कार्यो में जिनकी डीपीआर, टेण्डर तथा भुगतान आदि की कार्यवाही की जानी है उन कार्यो में शीर्ष प्राथमिकता के साथ गति लाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को फेस वन एवं फेस टू में योजनाओं के सफल संचालन हेतु भेजे गये प्रस्तावों के संबंध में अनुमोदित बजट के सापेक्ष स्वीकृति धनराशि के तहत व्यय की गयी धनराशि का फेसवार विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दियें है, साथ ही इस योजना के अंतर्गत स्वीकृति धनराशि के सापेक्ष व्यय की गयी धनराशि व अवशेष धनराशि के संबंध में पूर्ण विवरण भी उपलब्ध कराने के निर्देश दियें। बैठक में जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सुनीता टम्टा, अधि0अभि0 पेयजल निगम विजय कुमार रवि, सिंचार्इ एके जॉन, जल संस्थान डीएस देवडी, मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा, प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी निर्भय नारायण सिंह, डॉ0 हरीश पोखरिया सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहें।