युद्ध स्तर पर कार्यों को करते हुए ग्रामीण मार्गों, विद्युत, सिंचाई नहरें सुचारू कराने के निर्देशों के साथ ही बाढ़ सुरक्षा कार्यों का भी आगणन प्रस्ताव शीघ्र जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश मण्डलायुक्त सुशील कुमार ने सर्किट हाउस काठगोदाम में सिंचाई, सड़क, विद्युत महकमें के मण्डलीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए दिये।
आयुक्त श्री सुशील ने कहा कि आपदा कार्यों को हल्के में कतई न लें अधिकारी, आपदा कार्यों में ढिलाई बरतने पर कार्यवाही भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि आपदा क्षेत्रों में मरम्मत कार्यों के साथ ही स्थायी कार्य प्रस्ताव भी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंचाई विभाग नैनीताल खण्ड में 109 नहरें आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त होने पर अभी तक मात्र 17 नहरें चालू करने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। आयुक्त ने कहा कि आपदा के दौरान अत्यधिक भू-कटाव हुए हैं, जिनमें अब बाढ़ सुरक्षा कार्य किये जाने अनिवार्य हैं। इसलिए अधिकारी क्षेत्रों में जाकर धरातलीय निरीक्षण करें व बाढ़ सुरक्षा प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि गरमपानी, खैरना, रामगढ़, बेतलाघाट, ओखलकाण्डा सहित मण्डल के सभी आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में प्राथमिकता से योजनाओं की मरम्मत एवं स्थायी कार्यों का सम्पादन करना सुनिश्चित करें व बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बड़े आगणन प्रस्तुत करें ताकि उन्हें राज्य आपदा मोचक निधि में भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि मण्डल के सभी अधिकारी अपने विभागीय क्षति के 1 लाख 50 हजार तक के प्रस्ताव तुरन्त जिलाधिकारियों को प्रस्तुत करें ताकि उनमें आपदा में धनराशि अवमुक्त की जा सके।
मुख्य अभियंता विद्युत ने बताया कि जनपद में 30 विद्युत स्टेशनों में से 26 स्टेशन आपदा से प्रभावित हुए, जिन्हें ठीक किया जा रहा है तथा वैकल्पिक व्यवस्थाओं से विद्युत आपूर्ति सुचारू की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 2 लाख 65 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनमें से आपदा के दौरान 1 लाख 84 हजार उपभोक्ता प्रभावित हुए, जिसमें से अब 12 हजार उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की जानी शेष है। उन्होंने बताया कि गरमपानी, बेतालघाट की क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन एवं ओखलकाण्डा के चार गांवों में दो दिन के अन्दर लाइनें ठीक कर विद्युत सुचारू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि ऊधम सिंह नगर के प्रभावित क्षेत्रों में लोगो के मीटर जल भराव के कारण खराब हो गये हैं, उन्हें सर्वे कर तुरन्त बदला जाये, जिस पर अभियंता ने बताया कि 2751 मीटर जल भराव के कारण खराब हुए हैं, जिन्हे चिन्हित करते हुए बदले का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अल्मोड़ा, बागेश्वर के सभी क्षेत्रों में विद्युत सुचारू कर दी गयी है तथा पिथौरागढ़ के दारमा घाटी के 7 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित है, क्षतिग्रस्त लाइन मरम्मत कार्य प्रगति पर है। इसी तरह चम्पावत में 324 गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित हुई, जिसमें से 310 गांव में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है। शेष 14 गांव में मरम्मत कार्य प्रगति पर है, शीघ्र ही विद्युत आपूर्ति सुचारू की जायेगी। जिस पर आयुक्त ने निर्देश दिये कि वैकल्पिक व्यवस्थाऐं लगभग हो गयी है, अब स्थायी समाधान भी सुनिश्चि किये जाये।
मुख्य अभियंता लोनिवि ने बताया कि जनपद नैनीताल में सभी एनएच व राज्य सड़के खोल दी गयी हैं। आपदा से 75 ग्रामीण आन्तरिक सड़के बन्द हुई थी जिसमें से 38 सड़के खोल दी गयी हैं, 37 सड़कों पर कार्य प्रगति पर है। सड़के खोलने हेतु 30 जेसीबी लगायी गयी हैं। जिस पर आयुक्त ने वैकल्पिक व्यवस्था कर शीघ्र मार्ग यातायात हेतु सुचारू करने के निर्देश दिये साथ ही दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सड़कों पर साईनेज लगाने के निर्देश भी दिये तंाकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने आपदा प्रभावित गांव सुकना, झूतिया, थलाड़ी सड़कों को भी त्वरित गति से खोलने के निर्देश दिये। जिस पर अभियंता ने बताया कि सुकना सड़क पर दोनो ओर से जेसीबी लगायी गयी है, जबकि झूतिया में 3 जेसीबी लगायी गयी हैं। उन्होंने अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत की सड़के भी तुरन्त खोलने के निर्देश दिये जिस पर मुख्य अभियंता ने बताया कि इन चारों जनपदों में 69 ग्रामीण, 1 राज्य मार्ग, 1 जिला मार्ग बन्द है। जिस पर आयुक्त ने कहा कि सड़कों को खोलने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए आगामी 2 दिन के भीतर खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क महकमें के अभियंताओं को निर्देश दिये कि निर्धारित समय के भीतर सड़कों को गड्डामुक्त करना भी सुनिश्चित करेंगे।
आपदा कार्यों को हल्के में कतई न लें अधिकारी, आपदा कार्यों में ढिलाई बरतने पर कार्यवाही भी की जायेगी-आयुक्त सुशील
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