देहरादून। कहने को तो चेन लूट के मामल में थानेदारों को अल्टीमेटम देकर एसएसपी ने अपने फर्ज की इतिश्री कर लेकिन एसएसपी खुद कभी किसी का फोन नहीं उठाते हैं। खासतौर पर पत्रकारों का। पिछले कुछ दिनों में देहरादून की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। यहां जाम से तो भगवान ही निजात दिला सकते हैं। ऐसे में जनपद के एसएसपी से बात करनी हो तो उनका फोन ही नहीं उठता है। यह आलम तब है जबकि मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा था कि यदि कोई अधिकारी यदि फोन नहीं उठाता है तो उसको किसी तरह से बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में जिले के बड़े कप्तान की हठधर्मिता तो देखिए कि कई कई बार काल करने के बाद भी कप्तान साहब फोन उठाना उचित नहीं समझते। अब इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि जब कप्तान ही फोन नहीं उठायेंगे तो जिले के छोटे पुलिस अधिकारियों का आलम क्या होगा। क्यों करेंगे वो कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम, क्यों सुनेंगे जनता की फरियाद। एसएसपी के अधीनस्थ अधिकारी भी जानते हैं कि कप्तान साहब तो फोन उठाते ही नहीं हैं तो कर लो किस से करोगे शिकायता, जब साहब ही ऐसे हैं तो कर लो क्या करोगे।