हर्बल फैक्ट्री की आड़ में बन रही थी नशीली दवा, पुलिस ने किया भंडाफोड

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हर्बल फैक्ट्री की आड़ में फैक्ट्री में बन रही थी नशीली दवा

हर्बल फैक्ट्री की आड़ में नशीली दवाइयों का निर्माण करने वाली अवैध फैक्ट्री का दून पुलिस ने भंडाफोड किया है. पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा मे नशीली दवा और सिरप बरामद किए हैं.

हर्बल फैक्ट्री की आड़ में बन रही थी नशीली दवा

एसएसपी को सहसपुर क्षेत्र में ग्रीन हर्बल फैक्ट्री की आड़ मे अवैध नशीली दवाई और सिरप बनाने की गोपनीय सूचना मिली थी. जिस पर पुलिस की टीम ने बीते गुरुवार को एफडीए विजिलेंस की टीम के साथ लांघा रोड स्थित काया साईकिल गोदाम के पास ग्रीन हर्बल नाम की फैक्ट्री की बिल्डिंग में छापा मारा. छापेमारी के दौरान टीम ने फैक्ट्री से भारी मात्रा मे अवैध रुप से तैयार की जा रही नशीली दवाइयां और सिरप बरामद किए हैं.

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पुलिस ने किया फैक्ट्री के मालिक समेत तीन को अरेस्ट

मौके से पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार (39) पुत्र मूल निवासी सहारनपुर हाल निवासी सहसपुर और शिवकुमार (36) हाल निवासी सेलाकुई और रहमान (38) हाल निवासी प्रेमनगर को गिरफ्तार कर लिया हैं. आरोपियों से तीन अन्य लोगों के नशीली दवा के निर्माण में शामिल होने की जानकारी मिली है. जिनकी तलाश में पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया है.

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आरोपी को थी सप्लाई और डिमांड की थी पूरी जानकारी

फैक्ट्री के मालिक संजय ने बताया कि वह पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में कार्य करता था, जिसके मालिक ने उक्त फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाई जाती थी, जिस कारण आरोपी को उक्त दवाइयों की सप्लाई और डिमांड की पूरी जानकारी थी. तीन साल पहले उस फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लिया था. जिसके बाद संजय ने 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया था. जहां वह फूड लाइसेन्स की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था.

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दवा में होता था प्रतिबंधित केमिकल और साल्ट का इस्तेमाल

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है, जो डिमांड के हिसाब से दवाइयों का निर्माण कर तत्काल उन्हें आगे सप्लाई कर देता था. पकड़े जाने के डर से कभी भी अपने पास किसी प्रकार की नशीली दवाइयों का स्टॉक नहीं रखता था. आरोपी द्वारा नशे की सामग्री बनाने में प्रतिबंधित केमिकल और साल्ट का प्रयोग किया जा रहा था.

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