विद्युत विभाग की घोर लापरवाही के चलते क्षेत्र के ट्यूबवेल बने शोपीस काश्तकार सिंचाई व पेयजल से महरूम

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हल्दूचौड़ गौला रोड परमा चौराहे पर स्थित ट्यूबवेल नंबर 36 लो वोल्टेज के चलते क्षेत्र के काश्तकारों को सिंचाई व पेयजल आपूर्ति से परेशान ।इस समय गेहूं की वह गन्ने की सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है। लो वोल्टेज की समस्या से ट्यूबवेल चालू नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या को ठीक करने के लिए स्टेबलाइजर की व्यवस्था की जा रही है। कहीं पर स्टेबलाइजर लग चुके हैं और कहीं पर स्टेबलाइजर लगा तो दिए हैं। मगर उनको ट्यूबवेल से जोड़ा नहीं गया है जिस वजह से ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। विद्युत विभाग की उदासीनता के चलते गर्मी, बरसात,व सर्दियों में हर समय लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। सुबह 11:00 तक लो वोल्टेज से पहले ट्यूबल नहीं चल पाते हैं और शाम को 6:00 बजे के बाद हाई वोल्टेज होने की वजह से बंद हो जाते हैं यह समस्या रोज बनी रहती है। विद्युत विभाग के अधिकारी वह कर्मचारियों से इस बारे में जानकारी ली गई तो उनका एक ही जवाब होता है आगे से लो वोल्टेज की समस्या है। अगर यही हाल रहा तो भाबर के काश्तकारों को विद्युत विभाग के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा। परमा चौराहे पर स्थित 36 नंबर ट्यूबवेल चार दिन हो गए हैं स्टेबलाइजर लगे हुए मगर वह ट्यूबल से जोड़ा नहीं गया है। ट्यूबल ऑपरेटर बार-बार ट्यूबल में जाकर ट्राई करता है। क्योंकि काश्तकार उसके ऊपर दबाव डालते हैं ट्यूबवेल चलाने के लिए भावर में ट्यूबल का पानी खेत के रकवा के अनुसार घंटे में बटा रहता है। जब उसकी बारी आती है तो ट्यूबवेल नहीं चल पाता है तो बार-बार ट्यूबल ऑपरेटर पर दबाव बना रहता है। ट्यूबवेल को चालू करने के लिए ट्यूबल ऑपरेटर को इतना मानदेय नहीं मिलता है की जो वह लगातार ट्यूबल की देखरेख में लगा रहे। कभी-कभी काश्तकार और ट्यूबल ऑपरेटर की बहस हो जाती है।

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