
राजधानी देहरादून में 19 मार्च को ऐतिहासिक झंडाजी मेले का आगाज हो गया है. इस दौरान लाखों की संख्या में संगत इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी और दरबार साहिब जो बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठा.
देहरादून में ऐतिहासिक झंडाजी मेले का आगाज
देहरादून में ऐतिहासिक झंडाजी मेले का आगाज हो गया है. श्री महंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्री गुरु राम राय दरबार में 90 फीट ऊंचे झंडेजी का आरोहण किया गया. इस दौरान जो बोले सो निहाल के जयकारों से दरबार साहिब गूंज उठा. हर 3 साल में ध्वजदंड को बदलने की परंपरा है. इस साल ध्वजदंड को भी बदला गया है.
3 साल में है ध्वजदंड बदलने की परंपरा
बता दें इस साल दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य पंजाब के चिक्का नवाशहर जिले के गांव व पोस्ट लधाना के राजेंद्र पाल सिंह और सतनाम सिंह के परिवार को मिला है. दरबार साहिब में आयोजित होने वाले झंडा मेले में पुण्य कमाने के लिए देश -विदेश से संगतें देहरादून पहुंची है.
झंडाजी मेले का महत्व क्या है ?
बता दें झंडजी मेला श्री गुरु राम राय के देहरादून आगमन और उनके जन्मदिन को याद करने के लिए हर साल मनाया जाता है, जो कि होली के पांचवें दिन होता है. मेले की शुरुआत श्री झंडेजी के आरोहण के साथ होती है, जिसमें एक विशाल ध्वज दंड को पारंपरिक विधि-विधान के साथ दरबार साहिब में स्थापित किया जाता है