बरसात में तो पहाड़ी जिलों में लगातार बारिश के कारण भू-स्खलन का खतरा मंडराता ही रहता है। लोग जान हथेली पर रखकर सफर करते हैं। वहीं, कोटद्वार से सतपुली का सफर लोगों के लिए जान हथेली पर रखकर करने जैसा ही है। नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर दुर्घटना को दावत दे रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोखिम भरा सफर होने के बावजूद कोई सुध नहीं ले रहा है। ऐसे में यहां कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। सड़क बदहाल होने के साथ ही करीब 55 किलोमीटर के इस रास्ते में बीस से अधिक जगहों पर डेंजर जोन हैं। लेकिन, शासन-प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है।
लोग कई बार इस राजमार्ग के सुधारीकरण के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकारी सिस्टम का इस ओर ध्यान नहीं गया है। कोटद्वार से सतपुली के मध्य सड़क का चौड़ीकरण के साथ ही मरम्मत के कार्य किए जाने हैं। केंद्र की ओर से इस संबंध में अनुमति मिल गई है। वर्तमान में पेड़ों के चिह्निकरण का कार्य चल रहा है।