हल्द्वानी।यहां काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने प्राइवेट स्कूलों के स्वामी व प्रबंधकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कड़े शब्दों में निजी स्कूलों के प्रबंधकों से कहा है कि 25% गरीब बच्चों को आरटीई के दायरे में प्रवेश देना अनिवार्य है। इसके अलावा जो फीस निर्धारित की गई है, उससे ज्यादा फीस किसी भी हालत में नहीं ली जाएगी। ऐसा करने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके अलावा प्रत्येक निजी स्कूल को पास का ही एक गांव में स्थित एक सरकारी स्कूल भी गोद लेना होगा। यह फैसला राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लिया गया है।
बैठक में शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों में पेयजल, बिजली और फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था ना होने पर नाराज दिखे। उन्होंने 100 दिन में व्यवस्था में सुधार लाने के कड़े निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकारी हॉस्पिटलों में भी मरीजों को बेहतर सुविधाएं देना हमारी कोशिश है। स्वास्थ्य विभाग पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है।