श्रावण के पहले सोमवार को प्रदेश भर के शिव मंदिर में पूजा अर्चना का जोर है। भगवान शिव की पूजा अर्चना व जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से भक्तजन भगवान शिव की पूजा के लिए उमड़ रहे हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हैं। भक्त हर हर महादेव और ॐ नमः शिवाय के जयकारे से भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं।
श्रावण को भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। चातुर्मास के चार महीने जब भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करते हैं तो सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी भगवान शिव के पास होती है। इन्हीं चार महीनों के दौरान सावन का पावन महीना भी पड़ता है। सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक, पूजा अर्चना, रुद्राभिषेक आदि धार्मिक कार्य किए जाते हैं। पंडित गणेश चंद्र तेवाड़ी कहते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने सच्चे मन से की गई पूजा काफी कारगर साबित होती है।