देहरादून। सहारा समूह के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है कि उत्तराखंड सहित देशभर में सहारा समूह की सहकारी समितियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से अब उन्हें उनका जमा पैसा ब्याज सहित वापस मिल सकेगा। इसके लिए केंद्र के स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। केंद्र के स्तर पर इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जमाकर्ता अपनी जमा राशि को वापस पाने के लिए ऑनलाइन दावा कर सकते हैं।
नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) की ओर से आयोजित कार्यशाला में सहकारिता मंत्रालय के उप सचिव अनिल कुमार सिंह ने जानकारी दी। बताया, सहारा ग्रुप ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) में जमाकर्ताओं को जमा राशि का भुगतान नहीं करने के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं थीं।
इसके बाद केंद्रीय रजिस्ट्रार ने सहकारी समितियों के सहारा समूह की व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नोटिस जारी किए। सुनवाई के दौरान समितियों को शिकायत निवारण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और जमाकर्ताओं को भुगतान करने का निर्देश दिया गया। जब इन सोसाइटियों से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो केंद्रीय रजिस्ट्रार ने सोसाइटियों को नए डिपॉजिट लेने या मौजूदा डिपॉजिट का नवीनीकरण करने से रोक दिया।
इन सोसाइटियों ने केंद्रीय रजिस्ट्रार के आदेश को दिल्ली और तेलंगाना उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी। उच्च न्यायालयों ने केंद्रीय रजिस्ट्रार के आदेश के क्रम में अंतरिम रोक लगा दी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च 2023 को एक आदेश पारित कर निर्देश दिए।
इसमें कहा गया कि सहारा-सेबी रिफंड खाते से पांच हजार करोड़ रुपये केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएंगे। यह पैसा एक सुरक्षित प्रणाली के माध्यम से जमाकर्ताओं को दिया जाएगा।