रामनगर:- कांग्रेस के केन्द्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली जिले में हिमखंड टूटने से ऋ षिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध ध्वस्त होने पर कहा कि यह प्रकृति आपदा नहीं है, कहीं न कहीं इसमें मानवीय गलती हुई है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। वहीं उत्तराखण्ड का पानी और मिट्टी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने के लिए रवाना हो गए।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ एवं तबाही पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक सौ लोगों के लापता होने की जानकारी सरकारी आंकड़े के आधार पर मिली है। इस दुखद घड़ी में सरकार को फौरी तौर पर राहत कार्य तेज करते हुए लापता हुए लोगों की जानकारी एकत्र करनी चाहिए। रावत ने कहा कि सरकार जल्द योजना बनाकर प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगो की मदद को आगे आये। उन्होंने कहा कि यह समय आलोचनाओं का नहीं आपसी समन्वय बनाकर लोगो की मदद किये जाने का है। कांग्रेस के कई समर्पित कार्यकर्ता भी घटना स्थल पर लोगो की मद्द को पहुंच रहे हैं ऐसी जानकारी उनके संज्ञान में आई है।पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की मांगों की अनदेखी कर रही है और किसानो का उत्पीडऩ एवं दमन किया जा रहा है। हम उत्तराखण्ड का पानी और मिट्टी के साथ साथ यहां से फूल लेकर किसानों को सौंपेंगे। जो इस बात का संकेत है कि उत्तराखण्ड का किसान पूरी तरह से उनके साथ है। इस दौरान पूर्व दर्जाराज्य मंत्री पुष्कर दुर्गापाल, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष आशा बिष्ट, बंटी मनराल, दीवान कटारिया, अभिमन्यु डंगवाल, मुमताज अली, अमित रावत, अमित कुमार, प्रशांत मनराल, रोहित डंगवाल, सुमित लोहनी आदि मौजूद रहे।फोटो परिचय 1/ पत्रकारों से वार्ता करते पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
उत्तराखंड का पानी और मिट्टी लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर
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