1 अप्रैल से प्रदेश में नया नियम लागू होगा। जिसके तहत प्रदेश में चल रहे 15 साल पुराने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए सरकार ने जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई, उसको उत्तराखंड ने हां कर दी है। इस पॉलिसी के तहत ही फिटनेस सेंटर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इसके तहत पहले चरण में उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों, निकायाें, परिवहन निगम, विभाग, स्वायत्त संस्थाओं के 5500 वाहन 01 अप्रैल से कबाड़ बन जाएंगे। इन वाहनों की आरसी का नवीनीकरण नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार केन्द्र की मोदी सरकार ने देश में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसके तहत केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत एक अप्रैल 2023 से सभी तरह के भारी व्यावसायिक वाहनों को अनिवार्य तौर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा, जबकि प्राइवेट वाहनों के लिए यह व्यवस्था जून 2024 से लागू होगी।
स्क्रैप पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर उत्तराखंड में भी एक ही जगह से पूरा समाधान मिलेगा। बताया जा रहा है कि 15 साल पुराने जिन वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल के आधार पर आगे बढ़वा लिए गए हैं, उनको भी स्वतः कैंसिल समझा जाएगा। ऐसे वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर पर डिस्पोज करना होगा। देश के 12 राज्यों के आरटीओ दफ्तरों के माध्यम से एम-वाहन मोबाइल एप से फिटनेस जांच कराई जा रही है। इनमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि यहां आवेदन करने के बाद जो भी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) आएगा, वह एम-वाहन के माध्यम से वाहन की जियो लोकेशन और टाइम भरेगा। इसके बाद वाहन के ब्रेक, वाइपर, सीट बेल्ट, फ्रंट लाइट, रियर लाइट आदि की जांच के बाद तस्वीरें एम-वाहन पर अपलोड करनी होंगी। इसी आधार पर फिटनेस जांच हो जाएगी। केन्द्र सरकार का यह आदेश 1 अप्रैल 2023 से लागू माना जाएगा।