देहरादून। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। कई बार शार्टकट अपनाने पर व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। उच्च शिक्षित प्रणीत को भी यही शार्टकट भारी पड़ा। रातोंरात अमीर बनने के लालच में वह वाहन चोरी के दलदल में जा धंसा। जिसने उसे फिर से सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
वाहन चोरी के आरोप में पकड़े गए प्रणीत से पुलिस ने पूछताछ की तो कई बातें सामने आईं। पुलिस के अनुसार, प्रणीत उच्च शिक्षित है। उसने गणित से एमएससी किया है। अच्छी नौकरी नहीं मिलने पर छह साल पहले उसने डोईवाला में ही गैराज खोल लिया। कुछ साल पहले शमशाद एक वाहन को मरम्मत के लिए प्रणीत के गैराज में लेकर आया था। इसी दौरान दोनों में मित्रता हो गई। दोनों अक्सर फोन पर बातचीत करते थे। इसी दौरान शमशाद ने प्रणीत को रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब दिखा वाहन चोरी के लिए तैयार किया। इसके बाद उन्होंने अपने गिरोह में हैदर को भी शामिल कर लिया। चोरी के वाहनों में चेसिस और इंजन नंबर बदलने का काम प्रणीत के गैराज में किया जाता था। यहीं से वाहनों का सौदा होता था।
ठिकाने लगाने आया था वाहन
इसी 22 जुलाई को हरियाणा की कैथल पुलिस ने चोरी के 18 वाहन बरामद कर कई वाहन चोरों को गिरफ्तार किया था। इनमें प्रणीत भी शामिल था। हालांकि, गिरफ्तारी से पहले प्रणीत ने चोरी के वाहन देहरादून में छिपा दिए थे। जमानत पर छूटने के बाद वह इन वाहनों को ठिकाने लगाने के लिए दून आया था। बताया जा रहा है कि हरियाणा में पकड़े गए वाहन चोर को कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था। तब उनके पास चोरी के 40 वाहन मिले थे। पुलिस इस दिशा में भी छानबीन कर रही है।
आधे रेट पर बेचते थे वाहन
यह गिरोह चेसिस और इंजन नंबर बदलने के बाद वाहन को उसकी बाजार कीमत से आधे पर ही बेच देता था। चेसिस और इंजन नंबर इतनी सफाई से बदला जाता था कि आम आदमी समझ न पाए। इसलिए अगर आप भी पुराना वाहन खरीदने का विचार बना रहे हैं तो उसके बारे में अच्छी तरह जांच-पड़ताल करने के बाद ही कोई कदम उठाएं।