ओडिशा के गौरव को बढ़ाती हुई एक खबर सामने आई है। दरअसल यहां पर कटक की प्रसिद्ध चांदी तारकशी को भौगोलिक उपदर्शन (GI) टैग दिया गया है। जीआई टैग उन्हीं उत्पादों को मिलता है जो सिर्फ किसी खास स्थान पर ही बनाए जाते हों और वह क्षेत्रीय विशेषता के साथ जुड़े हों। कटक की चांदी को जीआई टैग मिलने से इसकी महत्ता काफी बढ़ जाएगी।
राज्य के सीएम नवीन पटनायक ने प्रदेश वासियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होनें सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि कटक की चांदी तारकशी को जीआई टैग मिलना ओडिशा के लिए सम्मान की बात है। चांदी के शहर कटक की सदियों पुरानी यह परिष्कृत कला अपनी जटिल कारीगरी के कारण हमारे राज्य को एक अलग पहचान देती है। मैं इस अवसर पर ओडिशा के लोगों, विशेषकर कटक और जिला प्रशासन को शुभकामनाएं देता हूं। वहीं अधिकारियों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान, कटक के कारीगर जटिल चांदी तारकशी की मदद से झांकी बनाते हैं।
GI टैग मिलने से क्या होता है खास
GI टैग मिलने के बाद उत्पाद की विशेषता बढ़ जाती है। जीआई टैग ऐसे उत्पाद को दिया जाता है जो सिर्फ किसी खास स्थान पर ही बनाए जाते हों और वह वस्तु क्षेत्रीय विशेषता के साथ जुड़ी हो। वहीं GE टैग मिलने के बाद इन उत्पादों को कानून से संरक्षण भी प्रदान कराया जाता है। इसका मतलब मार्केट में उसी नाम से दूसरा प्रोडक्ट नहीं लाया जा सकता है। इसके साथ ही GI टैग का मतलब उस क्षेत्र की गुणवत्ता भी अच्छी होना बताता है। इन GI टैग वाले उत्पादों को वैश्विक बाजार भी उपलब्ध कराए जाते हैं