श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि देहरादून से सहारनपुर तक वाया मां शाकंभरी देवी मंदिर नई रेल लाइन का सपना जल्द पूरा होगा। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे लाइन के सर्वे के लिए दो करोड़ रुपये जारी करने का एलान किया है। इससे पहले वर्ष 2019 में इस लाइन के लिए सर्वे कर रूट निर्धारित किया जा चुका है। वह सर्वे इस बार भी काफी मददगार साबित होगा। शिवालिक की पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरने वाली नई रेल लाइन से देहरादून और सहारनपुर के बीच की दूरी करीब 42 किमी कम हो जाएगी। अभी हरिद्वार होकर जाने वाली ट्रेनें सहारनपुर पहुंचने में करीब तीन घंटे का समय लेती हैं। नई रेल लाइन बनने से यह समय घटकर करीब डेढ़ घंटे रह जाएगा। वहीं, मां शाकंभरी शक्तिपीठ जाने वाले भक्तों की राह काफी सुगम हो जाएगी।
शाकंभरी देवी मंदिर से देहरादून के बीच सघन शिवालिक पर्वतमाला है। इसके बीच से ट्रेन गुजारना आसान नहीं है। इसके लिए पहाड़ों को काटकर टनल बनानी होगी। पहले हुए सर्वे के अनुसार, सहारनपुर के पिलखनी से वाया शाकंभरी देवी मंदिर देहरादून तक रेलमार्ग बनाने के लिए करीब 11 किमी लंबी टनल बनानी होगी। वहीं, करीब 106 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण करना होगा। इसमें अंडरपास भी बनाने होंगे।
81 किमी लंबा होगा रूट
सहारनपुर के पिलखनी से हर्रावाला के बीच रेलमार्ग की दूरी करीब 81 किमी होगी। पहले चरण में पिलखनी से मां शाकंभरी देवी मंदिर तक 40 किमी लाइन बिछाई जाएगी। दूसरे चरण में मां शाकंभरी देवी मंदिर से हर्रावाला तक 41 किमी रेल लाइन बिछेगी। पिलखनी और हर्रावाला को जंक्शन बनाने का प्रस्ताव रिपोर्ट में दिया गया था।
पिलखनी, चिलकाना, बीबीपुर डंडौली, बेहट, मां शाकंभरी देवी
उत्तराखंड में यह स्टेशन
नयागांव, सुभाषनगर, हर्रावाला
जल्द से जल्द प्रोजक्ट पूरा करने निर्देश। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में भक्त मां शाकंभरी देवी जाते हैं। इसलिए, उनकी वर्षों पुरानी मांग को देखते हुए पिलखनी-मां शाकंभरी देवी-देहरादून रेलमार्ग निर्माण की दिशा में कार्य शुरू कराया गया है। सर्वे के लिए दो करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं।