ऋषिकेश: नीति अग्रवाल ने यूपीएससी परीक्षा में आल इंडिया 383वीं रैंक हासिल की, नीति का यह छठवां व अंतिम अटैम्प्ट था। वर्ष 2021 में नीति अग्रवाल अंतिम चरण इंटरव्यू तक पहुंची थी, सिर्फ एक अंक से रहने के कारण वह फाइनल चयन से चूक गई।
Neeti Agarwal Got 383rd Rank in UPSC CSE 2023
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया है। परीक्षा में तीर्थनगरी ऋषिकेश की बेटी नीति अग्रवाल ने पूरे देश में 383वीं रैंक हासिल करके उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है और इस सफलता से पूरे परिवार में खुशी की का माहौल बना हुआ है। नीति अग्रवाल ने युवाओं को सफलता के लिए हार्डवर्क का मंत्र दिया है।
वहीं हल्द्वानी के तनुज पाठक ने 72वीं रैंक, पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी कुहू गर्ग ने 178 रैंक, हरिद्वार की अदिति तोमर ने 247वी रैंक, ऋषिकेश की नीति अग्रवाल ने 383वीं रैंक और पिथौरागढ़ के संदीप सिंह ने 906वीं रैंक हासिल की है।
ढोल बाजे के साथ मनाया जश्न
नीति अग्रवाल हरिद्वार रोड़ पर स्थित जयराम आश्रम के अपार्टमेंट में निवास करने वाले व्यापारी संजय अग्रवाल की बिटिया हैं। यूपीएससी परीक्षा की सफलता के मौके पर परिवार के सदस्य काफी उत्साहित हैं।
रिजल्ट घोषणा के बाद उनके घर में रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ जुटी है। सभी लोग नीति को बधाई देने उनके घर आ रहे हैं और घर में ढोल बाजे के साथ जश्न मनाया जा रहा है।
नीति के पिता हैं चाय विक्रेता
नीति अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल घाट रोड के प्रतिष्ठित चाय व्यापारी हैं और उनकी मां ऋतु अग्रवाल एक गृहिणी हैं, नीति की छोटी बहन इंजीनियर हैं। नीति ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा मॉडर्न स्कूल, ऋषिकेश से उत्तीर्ण की हैं। नीति ने कहा कि वह दो बहनें हैं। उनके माता-पिता ने हमेशा दोनों बेटियों को बेटा मानते हुए प्रोत्साहित किया है।
नीति अग्रवाल की सफलता का राज
नीति ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है, उन्होंने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ मेंटली रूप से प्रिपेयर करने के लिए परिजनों ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया और उनका साथ दिया।
नीति समय-समय कोचिंग लेकर इस मुकाम तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी एग्जाम को पास करने के लिए युवा को हार्डवर्क करते रहना चाहिए और जो गलतियां हो रही हैं उन्हें पहचानकर दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
रोजाना 10 घंटे करती थी पढ़ाई
नीति ने अपनी स्ट्रैटेजी साझा करते हुए बताया कि वह रोजाना दस घंटे पढ़ाई करती थी और उन्होंने मनोरंजन के साधनों को पूरी तरह से छोड़ दिया था। उन्हें तैयारी में इंटरनेट से काफी मदद मिली, उनका यह छठवां व अंतिम अटैम्प्ट था।
वर्ष 2021 में नीति अग्रवाल अंतिम चरण इंटरव्यू तक पहुंची थी, सिर्फ एक अंक से रहने के कारण उनका फाइनल में चयन नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि इस आखिरी अटैम्प्ट में उन्होंने पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए व गलतियां सुधारते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास किया था जिसके फलस्वरूप उन्हें सफलता मिली।
नीति ने कहा कि लक्ष्य कोई भी बड़ा नहीं, जीता वही जो डरा नहीं। आपका लक्ष्य स्पष्ट है तो आप एक ने एक दिन अपनी मंजिल तक पहुंच जाओगे।