उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर जिम कॉर्बेट पार्क में अवैध रूप से लकड़ी काटने वालों को प्रश्रय देने का गंभीर आरोप लगाया है।
फेसबुक पर लिखी पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा, ‘अविश्वसनीय तरीके से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कोर एरिया में बिना अनुमति के हजारों वृक्ष काट दिए गए और लकड़ी बाहर निकाल दी गई। बिना स्वीकृति के, बिना केंद्र सरकार से अनुमति लिए, लाखों-करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए गए और काम करने वाले कौन, जिन पर जंगली जानवरों की खाल और हड्डियों की तस्करी करने का संदेह है, मुझे अब भी विश्वास नहीं आ रहा है।’
रावत ने आगे लिखा, ‘दो अलग-अलग संस्थाओं की रिपोर्ट किसी शुभचिंतक ने मुझे भेजी हैं। क्या इतना बड़ा दुस्साहसपूर्ण कार्य एक-दो अधिकारी कर सकते हैं! बिना सरकार व मुख्यमंत्री के संज्ञान के उनकी मौन सहमति के बिना इतनी अंधेरगर्दी नहीं हो सकती है!’
हरीश रावत ने लिखा, ‘एक तरफ यह अंधेरगर्दी और दूसरी तरफ लालढांग-चिल्लरखाल- कोटद्वार वन मोटर मार्ग जिसके निर्माण के लिए सात करोड़ रुपये से ज्यादा 2016 में उस समय की सरकार ने वन विभाग को सौंपे थे और जहां 2016-17 में जहां पर सड़क थी, आज भी उसी स्थिति में है, कारण वन विभाग का अड़ंगा। कोटद्वार और गढ़वाल के एक बड़े हिस्से के लिए जो लाइफलाइन मार्ग है, वह मार्ग नहीं बना।’
रावत ने आरोप लगाते हुए लिखा, ‘कॉर्बेट के कोर एरिया के अंदर हजारों वृक्ष काट दिए गए, अविश्वसनीय अनर्थ! क्या भाजपा, जिसकी सरकार की मौन सहमति से जो दुस्साहसपूर्ण कार्य हुआ है इसका जवाब देगी? सजा कोटद्वार भुगत रहा है, गढ़वाल भुगत रहा है, उत्तराखंड भुगत रहा है, सजा वन विभाग भुगत रहा है, एक अत्यधिक अनुशासित विभाग आज किस हालत में आ गया है? धन्य है सरकार चलाने वालो!’