



“
आज Pahadpan Foundation द्वारा अपने उद्घाटन कार्यक्रम “शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन” का भव्य आयोजन उत्तराखंड के काशीपुर के शिवालिक होली माउंट एकेडमी, स्कूल, निझड़ा में किया गया। इस कार्यक्रम में वीर रस सहित विभिन्न कवियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरा माहौल जोश और उत्साह से भर उठा।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध कवि हर्ष काफर रहे, जिनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कविता इतनी प्रभावशाली रही कि तालियों की गूंज थमने का नाम नहीं ले रही थी।
इसके अलावा, मयंक शर्मा, गीतू माहेश्वरी, कुमार राघव, काव्या श्री जैन, सुरेंद्र जैन सहित अन्य प्रतिष्ठित कवियों ने भी अपने ओजस्वी और भावपूर्ण काव्य पाठ से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
इसके बाद समाजसेवी और आंदोलकारी आशीष नेगी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध गायक अजय मिश्रा और बाल गायक शिवांशु मेहता ने भी अपनी प्रस्तुतियाँ देकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
इस पूरे आयोजन में उत्तराखंड की मशहूर और लोकप्रिय कलाकार भावना चुफाल की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
कार्यक्रम में उपस्थित संगठनों एवं गणमान्य व्यक्तियों के नाम:
अमिता लोहानी – पूर्व महिला उपाध्यक्ष, महिला आयोग
ममता गोस्वामी – पूर्व सचिव, महिला आयोग
बसंत बल्लभ भट्ट जी
पूर्व सैनिक संगठन
डा. यशपाल रावत
मालिनी शर्मा – प्रधानाचार्य, आर्मी स्कूल हेमपुर
धनानंद शर्मा – वन पंचायत अध्यक्ष
संस्थापक महोदया कुसुम लता बौड़ाई जी का बयान:
“पहाड़ सिर्फ भौगोलिक संरचनाएँ नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सभ्यता, संस्कृति और वीरता की अमर गाथाएँ संजोए हुए हैं। Pahadpan Foundation का उद्देश्य केवल आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं, लोक साहित्य, और वीर रस की भावनाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
“‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ न केवल एक साहित्यिक मंच है, बल्कि यह हमारी अस्मिता और गौरवशाली इतिहास को सहेजने का एक प्रयास भी है। हमें गर्व है कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ रही है और अपनी मातृभूमि के गौरव को आगे बढ़ा रही है। Pahadpan Foundation आगे भी इस तरह के प्रयासों को जारी रखेगा, ताकि उत्तराखंड की पहचान और संस्कृति नई ऊँचाइयों तक पहुँचे।”
सह-संस्थापक आयुष रावत का बयान:
“उत्तराखंड की संस्कृति, साहित्य और वीरता की गाथाएँ हमारे समाज की आत्मा हैं। Pahadpan Foundation का उद्देश्य केवल इन्हें संरक्षित करना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी तक इसकी गूँज पहुँचाना है। ‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ जैसे आयोजन हमारी जड़ों से जुड़े रहने का एक सशक्त माध्यम हैं।
“हम चाहते हैं कि उत्तराखंड की नई पीढ़ी अपनी संस्कृति, साहित्य और संगीत पर गर्व करे और इसे न केवल पहाड़ों तक, बल्कि पूरे देश और दुनिया तक पहुँचाए। यह सिर्फ एक शुरुआत है—हम आगे भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तराखंड की पहचान को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।”
“हम उन सभी साहित्यकारों, कलाकारों और गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।”
Pahadpan Foundation द्वारा इस प्रकार के सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजनों को भविष्य में भी निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया गया।