रुद्रपुर में जीएसटी के 64 अफसर और कर्मचारियों की 14 टीमों ने 15 फर्मों की जांच की। जांच पर करीब 280 स्क्रैप वाहन जैसे कार, बस आदि और 60 से अधिक पुरानी स्कूटर, बाइक और भारी मात्रा में लोहा और प्लास्टिक स्क्रैप पाया। यह फर्में पुराने वाहनों को काटकर उनके पुर्जे बेच रही हैं।15 में से 11 फर्में पंजीकृत थी और चार फर्में
अपंजीकृत पाई गई। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया करीब डेढ़ करोड़ जीएसटी चोरी का अनुमान है।सभी फर्मों की जीएसटी रिटर्न और कर चोरी की गणना की जा रही है। इस जांच अभियान में राज्य कर के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल थे।इस दौरान टीम ने 11 डीलरों के पंजीकरण वैध पाए और 4 कबाड़ी अवैध रूप से कारोबार करते हुए मिले हैं. यही नहीं टीम को 15 स्थानों पर 280 वाहन कटने के लिए पाए गए हैं.
इसके अलावा भारी मात्रा में लोहे और प्लास्टिक का स्क्रैप पाया गया है. मौके पर डीलरों के पास से प्रदूषण विभाग का लाइसेंस भी नहीं मिला है. जिसके बाद टीम ने दस्तावेजों को कब्जे में लेते हुए डेढ़ करोड़ का माल सील कर दिया है।इसके साथ ही टीम जीएसटी चोरी की गणना कर रही है. मौके पर मिले वाहनों और स्क्रैप की कीमत एक से डेढ़ करोड़ होने का अनुमान है. राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त बीएस नगन्याल ने बताया कि टीम ने 15 ठिकानों में छापेमारी की है. जिसमें भारी मात्रा में चौपहिया वाहन, दोपहिया वाहन, लोहा और प्लास्टिक स्क्रैप मिला है. सभी माल को सीज कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है।