गौला खनन संघर्ष समिति ने एक राज्य एक रॉयल्टी समान हो केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को ज्ञापन दिया

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गौला खनन संघर्ष समिति ने सरकार द्वारा समतलीकरण के नाम से जो पट्टे दिए गए हैं। उनकी रॉयल्टी ₹8 प्रति कुंटल है जबकि गौला नदी की रॉयल्टी ₹31 प्रति कुंटल है। स्टोन क्रेशरों से रेता बजरी का उठान न होने के कारण खनन सामग्री डंप पड़ी है जिससे क्रेशरों द्वारा आने वाले सीजन में खनन सामग्री नहीं लेने का निर्णय लिया गया । विभाग वन निगम ने अक्टूबर माह में गौला नदी को खोलने का निर्णय लिया है ।इस समय गोला नदी में लगभग ,7500 डंपर रजिस्टर्ड है जो गौला नदी में खनन का कार्य करते हैं । क्रेशरों द्वारा खनन सामग्री का उठान ना होने कारण गौला नदी से खनन सामग्री नहीं ली जाएगी। क्रेशरों का कहना है कि गौला नदी का खनन सामग्री 4 गुना अधिक रॉयल्टी है जिससे क्रेशरों से खनन सामग्री का उठान नहीं हो पा रहा है ।गौला संघर्ष समिति ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री से ज्ञापन देकर यह भी मांग की क्षेत्र के रोजगार का एकमात्र साधन जिससे क्षेत्र के लोगों की रोजी-रोटी चलती है। क्षेत्र के लोग गौला नदी खुलने का इंतजार करते हैं अब जब क्रेशर ही गौला नदी का खनन सामग्री को नहीं खरीदेंगे तो यहां का एकमात्र रोजगार का साधन खत्म हो जाएगा गौला नदी है जिसमें लाखों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। जिनकी इस समस्या से निजात दिलाने की अपील की है साथ ही डंपर एसोसिएशन ने जब तक रॉयल्टी कम नहीं होगी तब तक गौला नदी में डंपरों द्वारा खनन कार्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की जल्दी से जल्दी इस समस्या का निदान करने की मांगी है। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से डंपर एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर सिंह बिष्ट देवेंद्र सिंह बिष्ट हरीश चौबे हरीश भट्ट मनोज मठपाल जीवन बोरा कौस्तुभानंद भट्ट कंचन जोशी बलवंत मेहरा समेत दर्जनों लोग थे।

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