हल्द्वानी। वनभूलपुरा क्षेत्र में एक महिला ने अपने बेटे को कानूनी पचड़े से बचाने के लिए उसका फर्जी स्कूल स्थानांतरण प्रमाणपत्र अदालत में पेश कर दिया। हैरानी की बात यह है कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने भी मामले की ठीक से जांच नहीं की और इसी आधार पर आरोपी के नाबालिग होने संबंधी रिपेार्ट कोर्ट में पेश कर दी। नतीजा यह निकला कि जिसे जेल में भेजा जाना चाहिए था उसे अदालत ने प्लेस आफ सेफ्टी में भेज दिया।
इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब युवक को गत महीने चोरी के आरोप में पकड़े गये युवक की मां ने एक बार फिर वहीं टीसी अदालत के सामने रख दी। अदालत ने पुलिस से युवक की उम्र पर आख्या देने को कहा तो कानून के साथ की गई इस धोखाधड़ी का भंडाफोड़ हो गया। हल्द्वानी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हल्द्वानी कोतवाली को आदेश दिया है कि इस प्रकरण में अलग से मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच की जाए। युवक को ‘प्लेस आफ सेफ्टी’ से हटाकर उपकारागार हल्द्वानी भेजने के आदेश भी दे दिए गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
अदालत के आदेश पर कल देर रात इस मामले में कोतवाली हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बड़ी बात यह है कि अदालत ने इस मामले में तत्कालीन बनभूलपुरा थाना प्रभारी सुशील कुमार के क्रियाकलाप पर भी टिप्पणी की है। हालांकि मुकदमा आरोपी महिला के खिलाफ लिखा गया है।
मिली जानकारी के के अनुसार गत माह पुलिस ने चोरी के आरोप में बनभूलपुरा की लाइन नंबर 12, निवासी अमान उर्फ कोली को गिरफ्तार किया था। पुलिस उसकी रिमांड मांगी थी तो अदालत ने पर्याप्त आधार पते हुए उसकी रिमांड दे दी। इसी दौरान अभियुक्त अमान उर्फ काली की ओर से उसकी मां आसमा ने अपने अधिवक्ता सुरेश कुमार के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र 13 अगस्त को अदालत में प्रस्तुत किया। इस प्रार्थनापत्र में आसमा ने मदर टेरेसा प्राईमरी स्कूल हल्द्वानी द्वारा जारी लीविंग सर्टिफिकेट पेश किया जिसमें काली की जन्मतिथि 04.06.2006 लिखी गई थी। इस तरह उसकी घटना के समय आयु 15 वर्ष 02 माह हो रही थी। यानी वह नाबालिग था। उसके वकील ने कहा था कि नाबालिग होने के कारण काली को बाल अपचारी घोषित कर मामले को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष भेजा जाना चाहिए।
आसमा ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में मदर टेरेसा प्राईमरी स्कूल जवाहर नगर हल्द्वानी द्वारा जारी लिविंग सर्टिफिकेट (टीसी) की प्रति लगाई थी। इसके अलावा गौवंश संरक्षण के एक पुराने केस में काली की गिरफ्तारी के वक्त उसे नाबालिग बताए जाने पर द्वारा दिए गए आदेश और तत्कालीन वनभूलपुरा थानाध्यक्ष वनभूलपुरा सुशील कुमार की आयु तस्दीक आख्या की सत्यप्रतिलिपियां प्रस्तुत कींं। इसी आधार पर काली के अधिवक्ता ने उसे को बाल अपचारी घोषित करते मामले को किशोर न्याय बोर्ड को प्रेषित किये जाने की याचना इस न्यायालय से की है ।
अदालत ने इस याचिका पर गौर करते हुए याचिका की जांच प्रक्रिया के दौरान काली को उप कारागार हल्द्वानी से सुरक्षित सीन (Place of safety) में रखने के आदेश जारी करते हुए मामले की जांच कर रहे एसआई रविन्द्र सिंह राणा से आख्या मांगी। राणा ने पूरे प्रकरण की जांच की और अदालत के सामने अपनी रिपेार्ट रख दी। रिपोर्ट के अनुसार उक्त आरोपी अमान की शिक्षा मदर टेरेसा प्राईमरी स्कूल जवाहर नगर टनकपुर रोड हल्द्वानी से हुयी है, स्कूल से जारी आयु प्रमाण पत्र के अनुसार उसकी जन्मतिथि 04.10.2001 है।
उसके बाद अमान की शिक्षा वर्ष 2015-2016 में सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल, मल्ली बौमारी, हल्द्वानी से हुई और उक्त स्कूल से जारी आयु प्रमाण पत्र में भी उसकी जन्मतिथि 4.10.2001 है । घटना के दिन यानी पांच अगस्त 2021 को अमान की आयु 19 वर्ष 9 माह 24 दिन थी, जोकि एक वयस्क व्यक्ति है । राणा ने अपनी रिपेार्ट में सेकेड हार्ट सिनियर सेकेण्ड्री स्कूल एवं मदर टेरेसा प्राईमरी स्कूल द्वारा जारी आयु प्रमाण पत्रों को मूल रूप में, थानाध्यक्ष बनभूलपुरा सुशील कुमार के बयान, सेकेड हार्ट सिनियर सेकेण्ड्री स्कूल की प्रधानाचार्य दीपक पाल के बयान, सेकेड हार्ट सिनियर सेकेण्ड्री स्कूल मे अभियुक्त अमान की माता आसमा द्वारा स्कूल में प्रवेश के समय प्रस्तुत शपथपत्र तथा एडमिशन फार्म की स्कूल द्वारा प्रमाणित प्रतियां आदि अदालत के सामने प्रस्तुत किये ।
राणा की रिपेार्ट पढ़कर अदालत हैरान रह गई। दरअसल इससे पूर्व काली जब गोवंश संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत वर्ष 2019 में गिरफ्तार किया गया था तब आसमां ने वहीं स्कूल टीसी काली को नाबालिग साबित करने वाले दस्तावेज के रूप में पेश की थी। इसके बाद अदालत ने वनभूलपुरा के थानाध्यक्ष सुशीलकुमार से इस याचिका पर उनकी रिपेार्ट मांगी थी। तब थनाध्यक्ष सुशील कुमार ने भी अपनी जांच पड़ताल में काली की जन्मतिथी सकूल के दस्तावेजों के अनुसार 04.06.2006 तस्दीक की थी। पुलिस की रिपेार्ट के आधार पर न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, हल्द्वानी ने आदेश 09.07.2019 आदेश पारित करते हुए काली को बाल अपचारी घोषित कर मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया था।
अब जग गत माह काली दोबारा से हल्द्वानी पुलिस द्वारा चोरी के आरोप में पकड़ा गया तो उसका मां आसमां ने फिर से वहीं टीसी अदालत के सामने पेश करते हुए उसे बाल अपचारी घोषित करने की गुहार लगाई। लेकिन कोतवाली हल्द्वानी के जांच अधिकारी रविंद्र राणा ने अपनी जांच में पूरे मामले की परतें खोल कर रख दीं। अदालत में उन्होंने सेक्रेड हार्ट स्कूल के प्रधानाचार्य दीपक पाल के बयान भी पेश किए और स्कूली दस्तावेज भी।इसके अलावा अदालत के सामने मदर टेरेसा स्कूल की प्रधानाचार्य तरन्नुम परवीन भी पेश हुई।
उन्होंने आसमां द्वारा अदालत में दिखाई जा रही टीसी का फर्जी करार दिया। अदालत के सामने सच्चाई आई तो काली को सेफ सीन हटाकर उपकारागार हल्द्वानी शिफ्ट करने के आदेश जारी तो किए ही आसमा की याचिका को खारिज कर दिया। इस प्रकरण में वनभूलपुरा थानाध्यक्ष की रिपेार्ट भी सवालों के घेरे में आ गई। उन्होंने स्कूल के किन दस्तावेज जांचने के बाद काली को नाबालिग बता दिया था। अदालत ने कहा कि सुशील कुमार ने बिना दस्तावेजी प्रमाणिकता जांचे अपराधी की नाबालिग बता दिया।
इसके बाद अदालत ने कोतवाली हल्द्वानी को आदेश दिया कि वह इस मामले में मुकदमा दर्ज कर प्रकरण की जांच करें। कल देर रात अदालत के आदेश पर कोतवाली हल्द्वानी में आसमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।