
ई-पॉस मशीन से बंटेगा राशन, पहली खेप पहुंची
नई व्यवस्था से वास्तविक लाभार्थी को ही मिलेगी सामग्री
हल्द्वानी। पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में जल्द ही ई-पॉस मशीनों से राशन वितरण होने जा रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में शहर में भी यह प्रक्रिया शुरू होगी।
खाद्य आपूर्ति अधिकारी दिव्या पांडे ने बताया कि विभाग के रामनगर गोदाम में 199 ई-पॉस मशीनें पहुंच चुकी हैं, जो कि बेतालघाट और कोटाबाग के गल्ला विक्रेताओं के लिए हैं। मेहरागांव में भी 188 ई-पॉस मशीनें पहुंच गई हैं, जो सरना, मझेडा और ओखलकांडा क्षेत्र की सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों में इंस्टाल की जाएंगी।
नेटवर्क न आने पर भी यह मशीन सामान्य रूप से उपभोक्ता का बायोमेट्रिक अपने सिस्टम में दर्ज करेगी। बाद में नेटवर्क आते ही मशीन का साफ्टवेयर उसे स्वतः ही लोकल डाटा सेंट्रल डाटा के साथ सिंक्रोनाइज या अपलोड कर लेगा। बायोमेट्रिक का उपयोग होने के बाद धांधली पर लगाम कस सकेगी और सरकार की ओर से दिए जाने वाला फ्री राशन सही व्यक्ति तक पहुंच सकेगा।
गड़बड़ी रोकने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया बनाई
अनाज का वितरण इलेक्ट्रानिक कांटे से किया जाता है। आरोप है कि अधिकतर कोटेदार राशन वितरण में कटौती करने के साथ घटतौली भी करते हैं। इसकी शिकायतें भी आती रहती हैं। अनाज वितरण में गड़बड़ी रोकने के लिए पूरी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया गया है। जब किसी लाभार्थी को उसके राशनकार्ड में दर्ज यूनिटों के हिसाब से राशन तौला जाएगा, तभी ई-पास मशीन पर वितरण का ट्रांजेक्शन पूरा होगा। इस व्यवस्था के लागू होने से रियल टाइम में यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि न सिर्फ पात्र लाभार्थी को खाद्यान्न दिया गया, बल्कि उसे सही मात्रा में इसका वितरण किया गया है।