देहरादून न्यूज़– यहां दिल्ली में 10 वर्ष पहले नौकरी करने के दौरान एक व्यक्ति का कंपनी में सैलरी की जगह लोन अकाउंट खोल दिया। उसके खाते से करोड़ रुपए का लेनदेन तो किया ही, वही लाखों का लोन भी लिया गया। जब इनकम टैक्स विभाग ने उसे 5.29 करोड़ का रिकवरी नोटिस भेजा तो उसके होश उड़ गए।
खेरीखुर्द ऋषिकेश निवासी यशपाल ओली ड्राइवर है। वर्ष 2013 में उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी की थी। तब कंपनी ने उसके सभी डॉक्यूमेंट ले लिए थे। कंपनी ने एक बैंक में उसका अकाउंट खुलवाया था। ओली में बताया कि सैलरी नहीं मिलने पर है 5 महीने में नौकरी छोड़ दी और वे ऋषिकेश आ गया।
लेकिन अचानक उनके घर इसी साल अगस्त अंत में इनकम टैक्स विभाग से पांच करोड़ से अधिक का रिकवरी का नोटिस आ गया। वही बैंक में पूछताछ करने पर पता चला कि उनके खाते से 2014-15 में करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। खाते से रकम आरटीजीएस से निकल गई है। कंपनी में उनके खाते से फर्जी तरीके से 85 लाख का लोन भी लिया है। वह इस मामले में एसएसपी दून से भी मिले थे। इसके बाद 6 सितंबर को रायवाला थाने में केस किया गया।
अधिवक्ता बोले- सावधानी जरूरी आयकर अधिवक्ता क्रांति भंडारी के अनुसार ऐसे मामलों में व्यक्ति को खुद सतर्क होना जरूरी है। जब युवक ने नौकरी छोड़ दी थी तो, उनको अपना बैंक खाता भी बंद करवा देना चाहिए था। भंडारी के अनुसार सतर्कता से ही ऐसे मामलों से बचा जा सकता है।
वही इनकम टैक्स ऑफिसर शांतिराम चौहान ने कहा कि स्क्रुटनी में यह मामला सामने आया था। बैंक खाता, पैन कार्ड, फोटो समेत सभी दस्तावेज यशपाल के ही हैं। यह मामला अपील में भी आया है जो विचाराधीन है।
वही यशपाल ने बताया कि वह टैक्सी चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उनके पास आयकर विभाग में अपील करने तक के पैसे नहीं है। ऐसे में करोड़ों की रिकवरी चुकाना तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने किसी की आर्थिक मदद से आयकर में अपील की है।