यहाँ रुपये के लेनदेन के विवाद में आर्मी के जवान ने अपने सगे भाई व एक अन्य दोस्त संग मिलकर युवक की धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को टांडा जंगल में फेंक दिया था। वही ऊधम सिंह नगर पुलिस ने शव की शिनाख्त करते हुए मामले में पड़ताल कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार पंतनगर थाना क्षेत्र के टांडा जंगल में 24 अगस्त को शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम कराया ओर साथ ही उसकी शिनाख्त के लिए प्रयास करने लगी। इधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में व्यक्ति के धारदार हथियार से वारकर हत्या का मामला पुष्टि होते ही पुलिस छानबीन में जुट गई।
28 अगस्त को शव की पहचान युशू उर्फ यशवंत गौड़ पुत्र हरक सिंह निवासी ग्राम सतबूंगा थाना मुक्तेश्वर के रूप में हुई। मृतक के भाई कमल सिंह गौड़ ने पंतनगर थाने में तहरीर देकर ग्राम व पोस्ट भटेलिया, थाना मुक्तेश्वर जिला नैनीताल निवासी गौरव बिष्ट उर्फ संजू पुत्र स्व. हिम्मत सिंह के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया। जिसके बाद एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी के निर्देश पर चार टीमों का गठन किया गया।
बुधवार को पुलिस कार्यालय में हत्या से पर्दाफाश करते हुए एएसपी चंद्र शेखर घोड़के ने बताया कि मंगलवार को आरोपितों के टांडा जंगल में होने की सूचना मिली। जहां उन्हें घेर कर मुख्य आरोपित गौरव सिंह उसके भाई संजय बिष्ट उर्फ संजू पुत्र स्व हिम्मत सिंह बिष्ट और मुदित हर्ष गौड़ पुत्र प्रकाश गौड़ निवासी सदबूंगा, थाना मुक्तेश्वर जिला नैनीताल को हत्या में प्रयुक्त स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में अभियुक्त गौरव सिंह बिष्ट ने बताया कि मृतक युशू उर्फ यशवंत गौड़ ने उससे कई बार में करीब 50 हजार रुपये उधार ले चुका था और देने का नाम नहीं ले रहा था। रुपये की मांगने पर यशवंत गौड़गालिया देता था। जिससे अजीज आकर 21 अगस्त को कार सर्विस कराने के बहाने हल्द्वानी आए और रास्ते से चाकू लिया।
हल्दूचौड़ के पहले ही उसपर हमला कर हत्या कर दी और टांडा बैरियर चौकी से करीब आधा किलो मीटर नीचे आकर सड़क किनारे शव फेंक दिया था। अभियुक्त की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त चाकू और कपडे़ बरामद कर लिया गया।
एएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपित गौरव आर्मी में जीडी पद पर पठानकोट में तैनात है। 45 दिन के अवकाश पर था सितंबर में वापसी थी।
गौरव बिष्ट आर्मी में जीडी पद पर कार्यरत है और पठानकोर्ट में तैनाती है। गौरव 45 दिन के अवकाश पर एक अगस्त को घर आया था। 15 सितंबर को उसका वापसी का टिकट था।
युवक के हत्या की पूरी योजना पहले ही बना ली गई थी। जिसके लिए गौरव ने कार सर्विस कराने की बात कही। बताया जा रहा है कि चारों हल्द्वानी आए। इस दौरान रास्ते में भी विवाद होता रहा और इस बीच गौरव ने गुस्से में चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी।
गौरव पर पहले के तीन मुकदमे पंजीकृत हैं। इसमें चैन स्नेचिंग, गैर इरादतन हत्या आदि शामिल है।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह डांगी, उप निरीक्षक संजय सिंह, हेम चंद्र, दिनेश सिंह रावत, कांस्टेबल किशोर गिरी, जीवन भट्ट, योगेंद्र पटवाल, राजेंद्र कोरंगा, नवीन नेगी, राजेंद्र प्रसाद, प्रकाश कोहली और मंजू बुढलाकोटी शामिल थे