
नैनीताल। उच्च न्यायालय नैनीताल ने काठगोदाम से लालकुआं तक बने नेशनल हाईवे पर हो रही लगातार सड़क दुर्घटनाओं पर गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए डीएम नैनीताल और एनएचएआई के निदेशक को तलब किया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों से कड़े सवाल पूछे कि आखिर हाईवे पर बार-बार दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं? लोगों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए अंडरपास क्यों नहीं बनाए गए? बिना उचित सर्वे के सड़क निर्माण क्यों किया गया? कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए और दुर्घटनाओं के कारणों की जांच कराई जाए। साथ ही ओवरस्पीडिंग पर अंकुश के लिए स्पीड ब्रेकर लगाएं। याचिका चोरगलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता भुवन चंद्र पोखरिया और हल्दूचौड़ के समाजसेवी शुभम अंडोला समेत अन्य कई ग्रामीणों की ओर से भेजे पत्र के आधार पर दर्ज हुई। इसमें कहा कि काठगोदाम, लालकुआं, गोंरापड़ाव और तीनपानी में बेतरतीब कटों की वजह से पिछले आठ महीनों में 14 लोगों की जान जा चुकी है, दर्जनों लोग घायल हुए हैं। याचिका में मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा दिलाने की भी मांग की गई है। कोर्ट ने कहा कि हाईवे निर्माण में खामियां पाई जाती हैं तो जिम्मेदारी तय कर जरूरी कदम उठाए जाएं