अडानी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज की अध्यक्षता में बनाई समिति,दो माह में जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने के दिये निर्देश

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नयी दिल्ली। अडानी हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक छह सदस्यीय समिति गठित करते हुए दो माह में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि मामले के विभिन्न अन्य पहलुओं की नियामक संस्था द्वारा जांच की जानी चाहिए। खंडपीठ ने कहा, “सेबी को जांच करनी चाहिए कि क्या स्टॉक प्राइसिंग का उल्लंघन और हेरफेर किया गया है। ”

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6 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे होंगे। वहीं सेबी को जो कि पहले से जांच में जुटी है उससे भी दो महीने में जांच पूरी करने और रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार के नियामक तंत्र के मौजूदा ढांचे की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया। इसने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रेको समितिका प्रमुख और निम्नलिखित व्यक्तियों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया। समिति में एएम सप्रे के अलावा ओपी भट्ट, न्यायमूर्ति केपी देवदत्त, केवी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरसन को शामिल किया गया है।

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