11कर्मियों की मौत के मामले में अदालत ने चेयरमैन और मैनेजर को दोषी करार देते हुए अर्थदण्ड के साथ सुनाई दो वर्ष के कारावास की सजा

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हरिद्वार। हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र में स्थित मैसर्स मिर्क इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में हुए अग्निकांड में 11कर्मियों की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संगीता आर्य ने कंपनी चेयरमैन जीएल मीरचंदानी और मैनेजर सुधीर महेंद्रा को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दो-दो वर्ष के कठोर कारावास के साथ दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


मंगलौर क्षेत्र के गांव मुन्दियाकी स्थित कंपनी में वर्ष 2012 में वेल्डिंग के दौरान आग लग गई थी। आग की चपेट में आकर 11 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इस संबंध में सहायक निदेशक कारखाना, देहरादून क्षेत्र से शिकायत की गई। सहायक निदेशक ने कंपनी का निरीक्षण किया और मामले में कंपनी संचालकों की लापरवाही पाई। कंपनी संचालकों ने कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि घटना वाले दिन कर्मचारी ज्वलनशील पदार्थ के पास वेल्डिंग कर रहे थे जिससे आग लगी। इस संबंध में कोर्ट में चार परिवाद दायर किए गए थे। एक ही प्रकरण से संबंधित होने पर कोर्ट ने चारों को एक साथ कर दिया। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने जीएल मीरचंदानी और सुधीर महेंद्रा को दो वर्ष के कठोर कारावास व एक- एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि न देने पर दोनों आरोपियों को तीन-तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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