नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहां पर कोविड केयर सेंटर में भर्ती एक कोरोना संक्रमित युवक ने सेंटर में ही अपना निकाह संपन्न किया। दूल्हा और दुल्हन के अलावा इस निकाह में घर का कोई भी सदस्य शरीक नहीं हो सका। मौलवी ने निकाह नामा पढ़ा तो दूल्हा और दुल्हन ने कुबूल है. कुबूल है कह कर विवाह की रस्म पूरी की। इसी के साथ दोनों पति पत्नी हो गए। फिलहाल कोरोना से मुक्त होने तक दूल्हे को कोविड केयर सेंटर में ही रहना होगा। रामनगर के धनुपर के 30 वर्षीय नफीस अहमद का निकाह बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी निवासी शबनम से 27 मई को होनी तय हुआ था। बारात में जाने वाले बारातियों का कोविड टेस्ट कराया ताकि निगेटिव पाए जाने वाले बीस लोगों को ही बारात में जाने की इजाजत दी जा सके, लेकिन जब आरटीपीसी रिपोर्ट आई तो सबके होश उड़ गए। इस रिपोर्ट में कोई भी बाराती पाजीटिव नहीं पाया गया लेकिन दूल्हा था जो कि कोरोना संक्रमित निकल गया। अब क्या था घर में नई समस्या पैदा हो गई।
कोरोना पाजीटिव दूल्हें का निकाह कैसे हो। सबके दिमाग में यही सवाल उठ रहा था। इस बीच नफीस को कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया गया। लेकिन नफीस ने निर्णय लिया कि वह तय तारीख पर ही शबनम से निकाह करेगा। उसने घर के सदस्यों को निर्णय सुना दिया कि वह कोविड केयर सेंटर में ही निकाह करेगा। उधर शबनम भी इस निकाह के लिए राजी हो गई। फिर क्या था दूल्हे के फैसले से पैदा हुई नई समस्या से उसके परिवार के सदस्यों ने नोडल अधिकारी डा. प्रशांत कौशिक को अवगत कराया। डा. प्रशांत ने भी पीपीई किट पहनने की शर्त पर इस निकाह को इजाजत दे दी। दूल्हे के भाई शकील अहमद, दोस्त यूनुस अंसारी और कोविड नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कौशिक ने की इस विशेष निकाह की तैयारियां शुरू कर दीं। 27 मई को मौलवी ने दोनों को पीपीई किट पहनाकर निकाह की रस्म अदा कराई। इसके बाद कोरोना संक्रमित नफीस और शबनम पति-पत्नी बन गए। कोविड सेंटर में डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा। लेकिन कोई भी परिजन इस विवाह में शरीक नहीं हो सका।