रेलभूमि से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद के बीच प्रशासन और रेलवे ने अतिक्रमण हटाने को लेकर दिया अंतिम अल्टीमेटम

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हल्द्वानी। रेल भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना तैयार हो जाने के बाद हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदेश की अगुवाई में अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय के लिए दरवाजा खटखटाया है। जिसके बाद अब ये बात सामने आई है कि मामले को सुप्रीम कोर्ट सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी को मामले की सुनवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई। जिसे स्वीकार करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने 05 जनवरी को सुनवाई करने को कहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वार पर कई लोग याचिका दाखिल कर रहे हैं। एकाध दिन में यह सब पिटिशनर भी अपील डाल देंगे जिसके बाद मुमकिन है कि इन सभी की अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट एक साथ सुनवाई करे। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश भी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के साथ मौजूद हैं।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा व गफूर बस्ती से अतिक्रमण हटाने की तैयारी युद्ध स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार को रेलवे ने हल्द्वानी स्टेशन से लाउडस्पीकर के जरिये मुनादी कराई और एक सप्ताह के भीतर घर खाली करने को कहा है।
घर खाली नहीं करने की स्थिति में बुलडोजर चलाने व ध्वस्तीकरण में आने वाले खर्च का भुगतान अनाधिकृत कब्जेदारों से ही वसूलने की चेतावनी दी गई। हाई कोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की 78 एकड़ जमीन को खाली करने की प्रक्रिया चल रही है।
ढोलक बस्ती से अतिक्रमण ध्वस्त करने का खाका तैयार
रेलवे अधिकारियों ने ढोलक बस्ती से अतिक्रमण ध्वस्त करने का खाका तैयार किया है। इस इलाके में अधिकांश झुग्गी झोपड़ियां व कच्चे मकान हैं। पुलिस-प्रशासन की मदद से रेलवे अतिक्रमण को खाली करवाएगा। रविवार शाम रेलवे की ओर से स्टेशन में लाउडस्पीकर लगा दिए गए थे। सोमवार सुबह नौ बजे से मुनादी शुरू हो गई।
मुनादी होते ही आसपास के अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचना शुरू हो गया। चर्चा है कि इन क्षेत्रों में किराये पर रहने वाले लोग घर छोड़कर जाने लगे हैं। अतिक्रमणकारियों को सुप्रीम कोर्ट से अंतिम उम्मीद है। इसलिए अभी तक कोई घर खाली करने के लिए तैयार नहीं है। रेलवे, पुलिस व प्रशासन आठ जनवरी के बाद कभी भी अतिक्रमणकारियों के भवनों को ध्वस्त कर सकता है।
आठ जनवरी के बाद पहुंचेगी फोर्स
एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि कानून व्यवस्था व शांति बनाने के लिए बनभूलपुरा में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया जाएगा। आरपीएफ की पांच कंपनी हल्द्वानी पहुंच गई है। आठ जनवरी के बाद आरएफ, पीएसी, आइआरबी व पैरामिलिट्री फोर्स पहुंचने लगेगी। इससे पहले आठ जनवरी को होने वाली उत्तराखंड अधीनस्था सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं को शांतिपूर्ण संपन्न कराया जाएगा।
रेलवे स्टेशन पर डबल लेयर में होगी बैरीकेडिंग, कंटीले तार लगेंगे
रेलवे स्टेशन की सुरक्षा और अतिक्रमण ध्वस्त करने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बरेली के इज्जतनगर मंडल रेलवे के अपर मंडल प्रबंधक (एडीआरएम) विवेक गुप्ता हल्द्वानी पहुंचे।
बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने उन्हें बताया कि रेलवे स्टेशन पर डबल लेयर की बैरीकेडिंग की जाएगी। कोई अराजक तत्व स्टेशन में न घुसे, इसके लिए स्टेशन के बाहर कंटीले तार से भी घेराबंदी होगी। सोमवार दोपहर 12 बजे रेलवे के अपर मंडल प्रबंधक काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।
इसके बाद एसडीएम मनीष कुमार ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन के जरिये पटरी किनारे अतिक्रमण वाले क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे। वापसी के दौरान उन्होंने ट्रेन को चोरगलिया रेलवे क्रासिंग के पास रुकवा दिया और पैदल ही हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की ओर बढ़े। इस दौरान एडीआरएम ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ट्रेनों की आवाजाही हल्द्वानी व काठगोदाम तक बंद हो जाएगी। ट्रेनों का संचालन लालकुआं से किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के सांसद, विधायक कल आएंगे
अतिक्रमण हटाने की तैयारी के बीच राजनीति दलों का बनभूलपुरा में पहुंचना शुरू हो गया है। कांग्रेस व एआइएमआइएम के पदाधिकारियों के बाद चार जनवरी को समाजवादी पार्टी के उप्र के सांसद एसटी हसन, पूर्व सांसद बीरपाल सिंह, पूर्व मंत्री अताउल रहमान, सपा नेता एसके राय, अरशद खान समेत कई पदाधिकारी यहां पहुंचेंगे। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने दी है।
बनभूलपुरा में हजारों परिवारों को उजाड़ना चिंताजनक: निजामुद्दीन
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने नैनीताल जिले के बनभूलपुरा में साढ़े चार हजार अधिक परिवारों को उजाडऩे का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिक्रमण के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने कहा कि वनभूलपुरा में बड़ी संख्या परिवारों को अतिक्रमण के नाम पर उजाडऩा गंभीर चिंता का विषय है।
एक ओर केंद्र सरकार प्रत्येक बेघर को घर देने की बात कर रही है, दूसरी ओर से वर्षों से बसे हुए परिवारों को बेघर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर हजारों परिवार वर्षों से बसे हुए हैं, उस भूमि पर सरकारी विभाग अतिक्रमण का दावा कर रहे हैं।

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यद्यपि विभाग ये नहीं बता पाए कि कितना अतिक्रमण किया गया है। उन्होंने कहा कि बनभूलपुरा में आवासीय भवन तो हैं ही, पेयजल लाइन, सीवर लाइन, स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। सरकार को उसकी भूमि पर सरकारी योजनाओं और विद्यालयों के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
काजी निजामुद्दीन ने कहा कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व प्राप्त कर शत्रु संपत्ति की नीलामी की थी। ऐसे में अतिक्रमण के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। वहां बसे परिवारों को बेघर करना न्यायोचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश प्रभावित व्यक्तियों के साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने को न्यायालय की शरण ली है। उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जताई

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