

हेमकुंड साहिब में पिछले चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के बावजूद तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर है. हिमालय की गोद में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र गुरुद्वारे में तीर्थयात्री अटूट श्रद्धा और विश्वास के साथ पहुंच रहे हैं. ठंडे मौसम और बर्फीली हवाओं के बीच भी तीर्थयात्री पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं, जो उनकी गहरी आस्था और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.
बर्फबारी के बावजूद ठंडे पानी में डुबकी लगा रहे श्रद्धालु
सरोवर का जल अत्यंत ठंडा होने के बावजूद, श्रद्धालु अपनी भक्ति के बल पर इस कठिन परिस्थिति में भी डटकर डुबकी लगा रहे हैं, जो उनकी आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है. बता दें पिछले आठ दिनों में हेमकुंड साहिब में 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे के दर्शन किए, जो पिछले साल की तुलना में एक रिकॉर्ड उपलब्धि है.

श्रद्धालुओं का यह आंकड़ा न केवल तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है, बल्कि हेमकुंड साहिब के प्रति उनकी गहरी निष्ठा और आकर्षण को भी उजागर करता है. यह यात्रा न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करने वाली है, जो विश्व भर से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है.
गोविंदघाट में एक स्थायी पुल को लेकर की से चर्चा
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने हाल ही में उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन से मुलाकात की. मुलाकात में उन्होंने यात्रा की प्रगति और इसके सुचारु संचालन पर चर्चा की. अध्यक्ष ने गोविंदघाट में एक स्थायी पुल के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसकी घोषणा पहले ही सीएम धामी द्वारा की जा चुकी. यह पुल यात्रा को और सुरक्षित व सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से बरसात और बर्फबारी के दौरान, जब अस्थायी मार्गों पर जोखिम बढ़ जाता है.
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हॉल के निर्माण की मंजूरी का जताया आभार
बिंद्रा ने घांघरिया में तीर्थयात्रियों के लिए दो नए हॉल के निर्माण को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, यह हॉल तीर्थयात्रियों को ठहरने और विश्राम करने की बेहतर सुविधा प्रदान करेंगे, जिससे उनकी यात्रा और अधिक आरामदायक होगी. उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सक्रिय भूमिका और समर्पण के कारण ही यह यात्रा हर साल सुगम और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो पाती है